इसके चलते बच्चों को शिक्षा के अधिकार के तहत निजी स्कूलों में भर्ती से वंचित हो गए हैं। ऐसे आवेदन पत्रों की जांच फिर से की जा रही है। जिसमें बहुत से पात्र बच्चे सामने आ रहे हैं।
Read more : यहां इस कदर बुलंद हैं बेजाकब्जाधारियों के हौसले कि नहीं रूक रहा अतिक्रमण जिनका एडमिशन होना तय माना जा रहा है। हालांकि अभी तक कितने बच्चों के आवेदन जीवित हुए हैं इसका आंकड़ा सामने नहीं आया है, लेकिन शिक्षा विभाग के अफसर व क्लर्क इस काम के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। गौरतलब है कि माह भर पहले 5290 आवेदन जमा हुए थे जिसमें 2130 गरीब बच्चों का ही आवेदन सही पाया गया और उन्हें निजी स्कूलों में भर्ती किया गया। जबकि शासन को 4200 बच्चों के प्रवेश दिलाने के लिए टारगेट दिया गया है। टारगेट की भरपाई के लिए शिक्षा विभाग ने जरूरतमंद बच्चों के लिए पांच जुलाई से फिर से आवेदन पत्रों की स्क्रूटनी का चांस दिया है। ऐसे बच्चों के आवेदन पत्रों में जो खामियां है उसे पूरा कर हर हाल में उन्हें आरटीई के तहत भर्ती किया जाना है।
सरकार शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत हर हाल में गरीबों को निजी स्कूलों में प्रवेश दिलाने के लिए भरपूर कोशिश कर रही है। ताकि अधिक से अधिक बच्चे शिक्षा की मुख्य धारा से जुड़े। इस साल शासन ने ऑनलाइन आवेदन जमा करने की प्रक्रिया शुरू किया है, लेकिन भर्ती के लिए आवेदन में ढेरों खामियां नजर आई थी, क्योंकि कोई भी व्यक्ति अपने बच्चों को आवेदन जमा करने में मापदंडों का पालन नहीं किया था।
सबसे अधिक गरीबी रेखा के सर्वे सूची में नाम की खामियां सामने आई थी। जन्म प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, सर्वे सूची में नाम, स्कूल की दूरियों में नजर आई थी। अधिकतर लोग मानक के अनुरूप गरीबी रेखा के कार्ड उपलब्ध नहीं कराए थे। जिसके चलते बड़ी तादात में आवेदन निरस्त हो गए। अब शासन ने पांच जुलाई से ऐसे वंचित हितग्राहियों के लिए फिर से नया आवेदन मंगाने की योजना बनाई है।
अब हितग्राही 12 जुलाई तक नए सिरे से उसी 5290 आवेदन पत्रों की पुन: जांच करने की सुविधा दी है। आवेदन पत्रों में जो खामियां है उस खामियों को दूर करने के लिए हितग्राहियों को फोन कर खामियां दूर करने जरूरी कागजात मंगाए जा रहे हैं। ताकि शासन का जो 4200 बच्चों को प्रवेश दिलाने का टारगेट है वह पूरा हो सके।
3160 आवेदन की जांच जारी
आरटीई के तहत 30 मई तक 5 हजार 290 आवेदन जमा हुआ था। जिसकी स्क्रूटनी मध्य जून में हुई थी। जिसमें 2130 छात्रों को ही प्रवेश मिल पाया। शेष 3160 आवेदन रिजेक्ट हो चुके हैं। जिले के 49 नोडल अधिकारियों द्वारा फार्म की चेकिंग की गई थी। बड़ी तादात में आवेदन निरस्त होने से अभिभावकों की चिंता बढ़ गई थी। अब ऐसे आवेदनों की जांच फिर से नोडल अफसर कर रहे हैं।
संभावना व्यक्त की जा रही है कि 3160 आवेदनों में हर हाल में एक हजार आवेदन पात्र की श्रेणी में आएंगे और उन बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला मिल जाएगा। जबकि टारगेट पूरा करने के लिए 2101 छात्रों की जरूरत है। जरूरतों को पूरा करने के लिए12 जुलाई तक का समय है। अभिभावको को चाहिए कि अपने बच्चों के आवेदनों में जो खामियां है उसे 12 जुलाई तक नोडल अफसरों से मिलकर पूरी कर लें।
-शिक्षा के अधिकार के तहत निजी स्कूलों में भर्ती के लिए तिथि बढ़ाई गई है। अब हितग्राही मापदंड का पता लगाकर 12 जुलाई से अपने संबंधित क्षेत्र के नोडल अफसरों से मिलकर मापदंड पूरी कर लें। ताकि उनके बच्चों को आरटीई के तहत निजी स्कूला में एडमिशन हो सके।
-जीपी भास्कर, डीईओ