आरटीई : फांके में स्कूल, ४३३ में से २४६ स्कूलों को नहीं मिला पैसा
शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूल में पढऩे वाले बच्चों की पढ़ाई उधार में चल रही है। निजी स्कूलों को आरटीई के तहत पढऩे वाले बच्चों की फीस शासन की ओर से जारी नहीं हो रही है। शैक्षणिक जिला जांजगीर में सत्र २०२०-२१ में ४३३ स्कूलों को आरटीई के तहत करीब १८ करोड़ रुपए का भुगतान होना है।
जांजगीर चंपा
Published: April 27, 2022 09:07:08 pm
जांजगीर-चांपा. इसमें अब तक १८७ स्कूलों को ही करीब ६-७ करोड़ रुपए ही आवंटन जारी किया गया है। बाकी २४६ स्कूलों को अभी राशि नहीं मिल पाई है। ऐसे में निजी स्कूलों को विद्यालय संचालन समेत स्टाफ की तनख्वाह तक देने के लाले पड़ रहे हैं। गौरतलब है कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में २५ प्रतिशत सीट पर गरीब बच्चों को प्रवेश दिलाया जाता है। इसके लिए प्रति छात्र के हिसाब से शासन द्वारा स्कूलों कीे फीस दी जाती है। लेकिन स्कूल संचालकों की माने तो शासन से राशि मिलने में देरी होती है जिससे स्कूल संचालन में उन्हें दिक्क्तें होती है। इधर शिक्षा विभाग के अधिकारियों की माने तो भुगतान की पूरी प्रक्रिया अब ऑनलाइन कर दी गई है। आवंटन सीधे स्कूलों के खाते में भी शासन की ओर से डाल दिया जाता है लेकिन निजी स्कूलों के द्वारा ही मांगपत्र समय पर नहीं दिया जाता। जिसके चलते भुगतान में भी विलंब हो जाता है।
२०२१-२२ का अभी पता नहीं
अभी शिक्षा सत्र २०२०-२१ की ही राशि स्कूलों को नहीं मिल पाई है। अब तक १८७ स्कूलों को ही जारी हुआ है। जबकि २४६ स्कूल कतार में है। इधर शिक्षा स्त्र २०२१-२२ का अभी भुगतान की शुरुआत भी नहीं हो पाई है क्योंकि पिछले सत्र का ही भुगतान बचा हुआ है। इधर शिक्षा सत्र २०२२-२३ के लिए एडमिशन की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है। भुगतान समय पर नहीं मिलने पर बीच-बीच में निजी स्कूल संचालकों द्वारा विरोध प्रदर्शन भी किया जाता है।
इधर ४९९६ सीटों के लिए आ चुके ४५०० आवेदन
इधर २२-२३ के लिए एडमिशन की प्रक्रिया भी शुरु हो चुकी है। २२ मार्च से आरटीई के तहत ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं जो १५ मई तक चलेगा। इस बार जिले के ४३७ निजी स्कूलों में प्रवेश दिया जाएगा। जहां ४९९६ सीटें आरक्षित की गई है जिसके विरुद्ध अब तक ४५०५ आवेदन आ चुके हैं। १५ मई तक आवेदन की अंतिम तारीख है। इसके बाद आवेदनों की स्क्रूटनी और प्रवेश दिलाने की प्रक्रिया होगी। इस बार सीट संख्या की तुलना में अच्छे आवेदन आ चुके हैं। नहीं तो हर साल आरटीई की आधी सीटें खाली रह जाती है। इस बार ज्यादा बच्चों को प्रवेश मिल पाने की उम्मीद नजर आ रही है। जबकि शासकीय स्वामी आत्मानंद विद्यालय भी जिले में खुल गए हैं।

आरटीई : फांके में स्कूल, ४३३ में से २४६ स्कूलों को नहीं मिला पैसा
पत्रिका डेली न्यूज़लेटर
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