जहर सेवन करने के बाद उसकी हालत गंभीर हो गई। उसे जिला अस्पताल में भर्ती किया गया, उसकी हालत में सुधार नहीं होने से उसे सिम्स रेफर किया गया है। वहीं एक अन्य कर्मचारी भी बैठक के दौरान हंगामा कर रहा था उसके खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई है। इस दौरान श्रम कार्यालय में अफरा-तफरी का आलम था।
पूरे मामले में बड़ी बात यह है कि बैठक सीएम भूपेश बघेल के पिता ने आयोजित की थी, जिसे जिला प्रशासन ने बैठक के पहले ही नजरबंद कर दिया था। ऐसे में चुनिंदे अधिकारियों के बीच बैठक आयोजित की गई और बैठक में जो प्रमुख मुद्दे थे जिसमें चर्चा होने वाली थी वह धरी की धरी रह गई।
केएसके वर्धा पावर प्लांट ने 11 सितंबर 2019 को 20 कर्मचारियों को प्लांट विरोधी कार्य करने के आरोप में बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद से बीते एक साल से प्लांट के 20 कर्मचारी आंदोलनरत थे। इन कर्मचारियों की मांगों को सुनने के लिए इस दौरान कई बार प्रशासन व प्लांट प्रबंधन के बीच बैठक का आयोजन किया गया लेकिन नतीजा शून्य रहा। हर बार की तरह रविवार को भी कुछ इसी तरह के बैठक का आयोजन सीएम भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल के नेतृत्व में श्रम कार्यालय में बैठक का आयोजित की गई थी।
बैठक में एसपी पारूल माथुर, कलेक्टर की ओर से एडीएम लीना कोसम, केएसके प्लांट प्रबंधन के कारखाना प्रमुख वेणुगोपाल राव, सीएसआर जीके ओझा, लाइजनिंग इंचार्ज अजय अग्रवाल, श्रम पदाधिकारी केके सिंह एवं 20 बर्खास्त कर्मचारी मौजूद थे। बैठक का दौर समाप्त हुआ वैसे ही श्रमिक नरियरा निवासी रामनाथ कैवर्त ने जहर (कीटनाशक दवा फोरएट) खा लिया।
वहीं उसका साथी नरियरा निवासी मिथलेश दुबे हंगामा करने लगा। जहर सेवन किए रामनाथ कैवर्त को मौके पर उल्टी होने लगी और उसे तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती किया गया। इसके अलावा मिथलेश दुबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए कोतवाली भेज दिया गया। मौके पर अफरा-तफरी का आलम था।