इसके अलावा कुछ देर पहले ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राहुल के माता पिता से फोन पर बातचीत की है। बता दें की रेस्क्यू ऑपरेशन में जिस रोबोट का इस्तेमाल किया जाएगा उस रोबोट ने पहले भी कई बोरवेल में फंसे बच्चों को रेस्क्यू किया है। पहले जितनी मशक्कत से बच्चों को निकाला जाता था आज आधुनिक युग में इस रोबोट की मदद से बहुत ही जल्दी बच्चे को निकाला जा सकता है।
इस तरह से काम करता है रोबोट
राहुल को निकालने के लिए जिस रोबोट का मदद लिया जा रहा है उसने पहले भी ऐसे कई रेस्क्यू ऑपरेशन्स किए हैं। यह रोबोट लिफ्टिंग यूनिट, नियंत्रण यूनिट, सेंसिंग यूनिट, ग्रिपर सिस्टम, फेल-सेफ सिस्टम और ग्राफिकल यूनिट कॉम्पोनेन्ट के जरिए काम करता है। उठाने वाली यूनिट में एक रस्सी, चरखी और एक पोल होता है। ऊपर और नीचे की गतिविधियों के यांत्रिक ढांचे का उपयोग करके नियंत्रित किया जाता है। पूरा मैकेनिकल असेंबली से नियंत्रित करके सीरियल कमांड के माध्यम से पोर्टेबल वर्कस्टेशन बनाया जाता। वर्कस्टेशन से कमांड दे कर रोबोट ग्रिप के माधयम से बच्चे को पकड़ाया जाता है। फिर धीरे से उसे ऊपर खींच लिया जाता है। यह पूरा काम कुछ मिनटों में कर दिया जाता है और इस रोबोट के माध्यम से बच्चे पर चोट लगने का खतरा भी कम होता है।