इसका जीता जागता उदाहरण बम्हनीडीह विकास अंतर्गत ग्राम पंचायत चोरहादेवरी है। यहां के सचिव लकेश्वर चंद्रा ने पंचायत में अब तक हुए विकास कार्यों के लिए हुए भुगतान के एवज में अपने कमीशन का पूरा लेखा-जोखा तैयार किया है।
यही नहीं सचिव ने 2 लाख 13 हजार रुपए कुल कमीशन का लेखा जोखा चोरहादेवरी के सरपंच गुलाब प्रसाद पटेल को सौंपते हुए यह भी बताया कि उसने कमीशन की रकम में से 48600 रुपए का चेक क्रमांक- 042356 भी ग्राम पंचायत के खाते से काट कर रुपए आहरण कर लिया है। इतना ही नहीं सचिव ने यह भी कहा कि यदि उसे कमीशन नहीं मिला तो वह निर्माणाधीन कार्यों का भुगतान नहीं होने देगा।
पत्रिका ने इस खबर की पूरी तहकीकात की और सभी तथ्यों को एकत्र करते हुए जब इस बारे में सचिव से पूछा तो वह सरपंच पर ही झूठा आरोप लगाने की बात करने लगा, जबकि सरपंच ने स्पष्ट रूप से कहा कि सचिव ने कमीशन की मांग को लेकर एक कागज में लिखा बिल भी उसे दिया है।
अधिकारियों की भूमिका पर भी संदेह
जनपद व ग्राम पंचायत में हो रहे भ्रष्टाचार की खबर को प्रकाशित करने पर प्रशासनिक अधिकारी उस पर कार्रवाई करने की जगह उल्टा मीडिया पर ही आरोप लगाने लगे हैं। पिछले दिन एक भ्रष्टाचार की खबर पर पूछे गए सवाल में जिला पंचायत सीईओ अजीत बसंत ने ऐसा बयान दिया जो कि कहीं से भी स्वीकार्य नहीं था।
इस मामले में सरपंच का कहना है कि उसने जनपद सीईओ मुकेश रावटे से मौखिक शिकायत की है, लेकिन अब तक इस पर कोई जांच ही शुरू नहीं हुई है। इससे लोगों ने आशंका व्यक्त की है कि कहीं यह सब उच्च अधिकारियों की शह पर तो नहीं हो रहा है।
यह है कमीशन बिल
-निर्मला घाट 13000 रुपए
-पंचायत भवन 70000 रुपए
-नाली व ओडीएफ 9000 रुपए
-नाली निर्माण सुखसागर के घर के पास 35000 रुपए
-सीसी रोड निर्माण 13000 रुपए
-नाली निर्माण वीरेंद्र के घर के पास 49000 रुपए
-सीसी रोड नक्टा तालाब की ओर 25000 रुपए
-सीसी बेदराम की घर की ओर 25000 रुपए
-अन्य कमीशन 22600 रुपए
-कुल कमीशन 2 लाख 61600 रुपए