पश्चिम बंगाल से यूरिया लाकर 500 रुपए में बेच रहा था दुकान सील
जांजगीर चंपाPublished: Jun 27, 2022 09:48:30 pm
मूल्य से अधिक दर में युरिया खाद की बिक्री करते हुए पाए जाने पर कृषि विभाग के अफसरों ने पिसौद के कश्यप कृषि केंद्र को सील कर दिया है। दुकानदार पश्चिम बंगाल से यूरिया खाद लाकर किसानों को बड़ी रकम लेकर खाद की बिक्री कर रहा था। जिससे चलते उक्त दुकान संचालक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है।
पश्चिम बंगाल से यूरिया लाकर 500 रुपए में बेच रहा था दुकान सील
जांजगीर-चांपा। उप संचालक कृषि एमआर तिग्गा एवं एसडीओ पंकज पटेल को मुखबिर से सूचना मिली थी कि पिसौद के मसर्स कश्यप कृषि सेवा केंद्र में संचालक बनवारी लाल कश्यप के उर्वरक विक्रय स्थल एवं भंडार गृह में बड़ी तादात में यूरिया रखा है। उक्त यूरिया को सेठ ने किसानों को ५००-५०० रुपए में बेच रहा है। डॉ. फसल नामक यूरिया जो पश्चिम बंगाल की है। जिसे चोरी छिपे लाकर बड़ी रकम में खपाया जा रहा है। जिसे कृषि अफसरों ने छापेमारी कर उर्वरत नियंत्रक आदेश १९८५ खंड ३-३ एवं अवैध खाद भंडारण पाए जाने पर संबंधित के अभिलेख एवं यूरिया को जब्त किया गया है। इसी तरह आगामी आदेश तक विक्रेता का गोदाम सील कर दिया गया है।
डीडीएम एमआर तिग्गा ने बताया कि जिले में लगातार ऐसी गलत गतिविधि से संचालित दुकानों में छापेमारी की जा रही है। दुकान संचालकों को उर्वरक, बीज, कीटनाशक उचित कीमत में प्राप्त हो सके ऐसी पहल की जाए। जिसे देखते हुए सतत मॉनिटरिंग की जा रही है।
अब तक २८ कृषि केंद्र संचालकों को कारण बताओ नोटिस जारी
डीडीए एमआर तिग्गा ने बताया कि अब तक लापरवाही बरतने वाले या कहें दाम से अधिक कीमत पर खाद बीज बेचे जाने वाले २८ कृषि सेवा केंद्र संचालकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका ै। जिसमें ४ संचालकों के खिलाफ उर्वरक नियंत्रक आदेश की धारा १९८५ के खंड ५ एवं ३५(१)(ए) का उल्लंघन पाए जाने पर उर्वरक जब्त किया गया है। इसके अतिरिक्त ३ कृषि केंद्र संचालकों के विरूद्ध बीज नियंत्रक आदेश १९८३ के खंड ३ एवं खंड-१८ (१)(२) का उल्लंघन पाए जाने पर गोदाम को सील किया गया है। इतना ही नहीं विक्रय पर भी प्रतिबंध किया गया है। जिसमें मेसर्स न्यू अग्रवाल खाद भंडार बलौदा के द्वारा समय सीमा पर कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं देने पर उर्वरक नियंत्रण आदेश १९८५ के खंड २६ ए के प्रदत्त उर्वरक अधिसूची अधिकारी के शक्तियों का प्रयोग करते हुए खंड ३१ के तहत खुदरा उर्वरक लाइसेंस आगामी आदेश तक निलंबित किया गया।