जर्जर और सुविधाविहीन स्कूलों को आंख मूंदकर बना दिया सेंटर
दसवीं-बारहवीं परीक्षा के लिए सेंटर बनाने में जिला शिक्षाधिकारी कार्यालय से आंख मूंदकर स्कूलों का चयन कर दिया गया है। ऐसे स्कूलों को भी परीक्षा केंद्र बना दिया गया है जहां परीक्षार्थियों के लिए पर्याप्त बैठक व्यवस्था तो दूर भवन ही जर्जर है और बिजली-पानी और टॉयलेट तक की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है।
जांजगीर चंपा
Published: March 04, 2022 09:16:33 pm
जांजगीर/पामगढ़. लापरवाही की हद यह है कि बकायदा बीईओ द्वारा डेढ़ से दो माह पूर्व ही ऐसे स्कूलों की सूची डीईओ आफिस को भेजी जा चुकी है मगर बावजूद इसके डीईओ आफिस के जिम्मेदारों ने आंख मूंदकर माशिमं को उन्हीं स्कूलों के नाम परीक्षा सेंटर बनाने के लिए भेज दिया। मंडल ने स्वीकृति भी दे दी और अब जब किरकिरी हो रही है तो आनन-फानन में केंद्रों को बदला जा रहा है। हाल ही में शैक्षणिक जिला जांजगीर के पामगढ़ ब्लॉक के दो परीक्षा केंद्र मौलिमाता उमावि भुईगांव व जय गुरुदेव उमावि खरखोद को बदलकर दूसरे स्कूलों को परीक्षा सेंटर बनाना पड़ा। बता दें, मौलिमाता उमावि भुईगांव व जय गुरुदेव उमावि खरखोद में भवन जर्जर और कोई भी मूलभूत सुविधा नहीं होने का हवाला देते हुए पामगढ़ बीईओ ने परीक्षा केंद्र नहीं बनाने की अनुशंसा की थी और जिला शिक्षाधिकारी को बकायदा १३ जनवरी २०२२ को पत्राचार भी किया था। साथ ही पांच और स्कूलों की भी अनुशंसा की थी जिसे भी केंद्र बनाना गया है और अब भी परीक्षा आयोजित हो रही है। इससे साफ जाहिर है कि ब्लॉक कार्यालयों से मिले अनुशंसा को उच्चाधिकारियों ने रद्दी की टोकरी में डाल दिया है। ऐसी ही स्थिति अन्य ब्लॉकों के कई और परीक्षा सेंटरों की है जहां इसी तरह आंख मूंदकर चयन हुआ है।
इन केंद्रों के लिए की थी अनुशंसा
न्यू ऑक्सफोर्ड स्कूल खरौद - मूलभूत सुविधा नहीं
मुस्कान हाईस्कूल जेवरा - अत्यंत जर्जर भवन
जय हिंगलाज माई कोसा - छोटा कक्ष, फर्नीचर, बिजली, पानी टॉयलेट नहीं
राजसी उमावि तनौद - टिन की छत, फर्नीचर, बिजली, शौचालय नहीं,
सूर्योदय उमावि धनगांव - ७ बच्चे ही दर्ज संख्या
बोर्ड परीक्षा में इस तरह की लापरवाही
इस बार शासकीय के अलावा सभी प्राइवेट हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों को भी परीक्षा सेंटर बनाया गया है। जिससे ५२४ परीक्षा सेंटरों में दसवीं-बारहवीं की परीक्षाएं चल रही है। ऐसे में बिजली, पानी, टॉयलेट और पर्याप्त भवन होने पर ही परीक्षा सेंटर बनाने का नियम है। मगर यहां बोर्ड परीक्षा केंद्र बनाने में डीईओ आफिस से गंभीर लापरवाही बरती गई है जिसका खामियाजा अब बच्चों को उठाना पड़ रहा है। वहीं परीक्षा सेंटर बदलने में अब विभाग की ही किरकिरी हो रही है।
वर्जन
जिन स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं नहीं थी, ऐसे सात स्कूलों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाने की अनुशंसा करते हुए पूर्व में ही डीईओ कार्यालय में लिखित में सूचना दे दी गई थी। फिर भी केंद्र बना दिए गए हैं। परीक्षा संचालन में समस्या आ रही है इसीलिए अब केंद्र बदल जो रहे हैं।
राजेन्द्र शुक्ला, बीईओ पामगढ़

जर्जर स्कूल जिसे परीक्षा सेंटर बना दिया गया है
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