२४ घंटे भी जेल में नहीं टीक पाए श्रवण सिंह, घबराहट की वजह से पहुंचा जिला अस्पताल
रसूखदार पूर्व नोडल अधिकारी को २४ घंटा भी जेल में ठीक नहीं पाए। जेल पहुंचते ही उसका तबियत खराब हो गया और चेस्ट पेन व घबराहट की वजह से दूसरे दिन ही जिला अस्पताल में भर्ती हो गए। वहां ऐशोआराम से अपने वार्ड के बाहर कुर्सी में बैठकर आराम कर रहे है। हालांकि तीन पुलिसकर्मी वहां तैनात है।
जांजगीर चंपा
Published: April 22, 2022 08:42:41 pm
ज्ञात हो कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक पूर्व नोडल अधिकारी का जिले भर के धान खरीदी में एकतरफा राज चलता आ रहा है। उसके इशारे में ही धान खरीदी का काम होता है। साथ ही कर्मचारियों का भर्ती भी होता है। रसूखदार होने के कारण एसीबी को लगातार इसकी शिकायत मिल रही थी। इसके बाद श्रवण सिंह के घर एसीबी का १६ फरवरी २०१७ को छापा मारा गया था। बंद कमरे में अधिकारियों ने आठ घंटे तक आय से जुड़े संपत्ति की जांच पड़ताल की। जांच में अधिकारियों ने करोड़ो की बेहिसाब संपत्ति का उजागर किया। नोडल अधिकारी ने जांजगीर, भैसदा, बिलासपुर, रायपुर सहित कई ठिकानों में करोड़ो रुपए की जमीन खरीदी की है। एसीबी को छापेमारी में २ करोड़ २ लाख ३५ हजार ५८९ रुपए का चल व अचल संपत्तियों का कब्जा था। संतोषजनक रूप से हिसाब नहीं दिया है। इसका पेशी तब से अब तक चल रहा था। बुधवार को विशेष न्यायालय ने श्रवण सिंह को ५ साल की कठिन सजा से दंडित किया गया। इसके बाद पुलिस ने तत्काल श्रवण सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। लेकिन जेल पहुंचते ही वहां खाना-पीना आरोपी श्रवण सिंह को रास नहीं आया। ऐशोआराम की जिंदगी जीने वाला पूर्व नोडल अधिकारी दूसरे दिन ही घबराहट होने की वजह से जिला अस्पताल पहुंच गया। जहां उनको हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। जहां एक अटेंडर भी रखा गया है। जो पुलिस से लेकर आरोपी श्रवण का पूरा खातिरदारी कर रहा है। इसके अलावा शाम के समय जब पत्रिका की टीम पहुंची तो आरोपी श्रवण बकायदा वार्ड के बाहर आराम से कुर्सी में बैठकर पुलिस लोगों के गप्पे मार रहे थे। टीम को देखते ही आरोपी वार्ड अंदर घुस गए। हालांकि सुरक्षा के लिए वहां पर तीन पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। जिसका कहना है कि आरोपी से मिलने किसी को नहीं दिया जा रहा है। केवल एक अटेंडर ही आ जा रहा है।
जिला अस्पताल रसूखदार कैदी के लिए बना आरामगाह
जिला अस्पताल के जिम्मेदार आज एक कैदी वार्ड तक नहीं बना सके है। इस वजह से रसूखदार कैदियों को वहां पर पेईंग वार्ड में रखा जाता है। जहां पर एसी से लेकर सारी सुविधा दी जाती है। कोई भी रसूखदार कैदी जब जेल पहुंचता है तो जिला अस्पताल उसके लिए आरामगाह बन जाता है।
वर्जन
चेस्ट पेन व घबराहट की वजह से जिला अस्पताल में कैदी को भर्ती किया गया है। उसका इलाज चल रहा है। अभी फिलहाल वह स्वस्थ है।
डॉ. अनिल जगत, सीएस जिला अस्पताल

जिला अस्पताल में इसी वार्ड में भर्ती कैदी
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