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लगन, अनुशासन व धैर्य से निखार सकते हैं खेल : सिसोदिया

locationजांजगीर चंपाPublished: Feb 14, 2018 04:43:27 pm

Submitted by:

Rajkumar Shah

पत्रिका डॉट काम द्वारा आयोजित टॉपिक ऑफ द डे में जांजगीर शहर के क्रिकेट खिलाड़ी व पार्षद विवेक सिंह सिसोदिया उपस्थित रहे।

पत्रिका डॉट काम द्वारा आयोजित टॉपिक ऑफ द डे में जांजगीर शहर के क्रिकेट खिलाड़ी व पार्षद विवेक

पत्रिका डॉट काम द्वारा आयोजित टॉपिक ऑफ द डे में जांजगीर शहर के क्रिकेट खिलाड़ी व पार्षद विवेक सिंह सिसोदिया उपस्थित रहे।

जांजगीर-चांपा. पत्रिका डॉट काम द्वारा आयोजित टॉपिक ऑफ द डे में जांजगीर शहर के क्रिकेट खिलाड़ी व पार्षद विवेक सिंह सिसोदिया उपस्थित रहे।

उन्होंने अपने खेल जीवन की संघर्ष गाथा बताते हुए युवाओं से लगन, अनुशासन व धैर्य से खेल पर ध्यान देने की बात कही। जिस खेल में रूचि है, उसमें समर्पण की भावना महत्वपूर्ण है।

रणजी ट्राफी तक खेल चुके विवेक सिंह सिसोदिया ने बताया कि उन्हें अपने घर में ही खेल का माहौल मिला है। उनके बड़े भाई एथलिट हैं और मिनी ओलंपिक तक पहुंच कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुके हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि घर में भाइयों के साथ माता-पिता का सहयोग रहा, जिसके चलते खेल मैदान व संसाधनों के अभाव के बीच भी वे क्रिकेट में अपना अलग मुकाम हासिल किए हैं।
स्कूल की पढ़ाई के दौरान वे राष्ट्रीय स्तर के स्पद्र्धा सीके नायडू ट्राफी, कॉलेज की पढ़ाई के दौरान विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व करते हुए विभिन्न स्पद्र्धाओं में शामिल होते गए, जिनसे हौसला बढ़ता गया। इसके चलते क्रिकेट की ओपन स्पद्र्धा में वे महाराजा यशवंत राव ट्राफी में बिलासपुर संभाग की टीम में शामिल किए गए।
इसके बाद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर संदीप पाटिल के दिशा निर्देशन में रणजी ट्राफी में शामिल किए गए, जहां उन्होंने नरेंद्र हिरवानी, अभय खुरासिया के साथ क्रिकेट खेला। वर्तमान में सिसोदिया पार्षद हैं और क्रिकेट के नए खिलाडिय़ों को बारिकियां सीखा रहे हैं।
वे अपने क्रिकेट कैरियर के दौरान खेल के प्रति समर्पण के लिए भी जाने जाते हैं। सिसोदिया सभी युवा खिलाडिय़ों को लगन, अनुशासन के साथ धैर्य बनाए रखने की बात कहते हैं, जिससे उनके खेल में नियमित निखार आएगा।


प्रतिभाओं को सही प्लेटफार्म की तलाश
वर्तमान में खेल के लिए सुविधाओं के साथ संसाधन भी बढ़े हैं, लेकिन प्रतिस्पद्र्धा भी बढ़ गई है, जिससे अब खिलाडिय़ों को अच्छे प्लेटफार्म की तलाश होती है और इसका जिले में अभाव है। जिले के खिलाडिय़ों को सही प्लेटफार्म नहीं मिल रहा है, जिससे यहां की प्रतिभाओं को आगे बढऩे परेशानी हो रही है। वहीं खिलाडिय़ों में धैर्य की कमी भी सामने आ रही है। बालर हो या बैट्समेन उनको बड़े धैर्य से अपना अभ्यास करने की आवश्यकता है।

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