रणजी ट्राफी तक खेल चुके विवेक सिंह सिसोदिया ने बताया कि उन्हें अपने घर में ही खेल का माहौल मिला है। उनके बड़े भाई एथलिट हैं और मिनी ओलंपिक तक पहुंच कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुके हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि घर में भाइयों के साथ माता-पिता का सहयोग रहा, जिसके चलते खेल मैदान व संसाधनों के अभाव के बीच भी वे क्रिकेट में अपना अलग मुकाम हासिल किए हैं।
प्रतिभाओं को सही प्लेटफार्म की तलाश
वर्तमान में खेल के लिए सुविधाओं के साथ संसाधन भी बढ़े हैं, लेकिन प्रतिस्पद्र्धा भी बढ़ गई है, जिससे अब खिलाडिय़ों को अच्छे प्लेटफार्म की तलाश होती है और इसका जिले में अभाव है। जिले के खिलाडिय़ों को सही प्लेटफार्म नहीं मिल रहा है, जिससे यहां की प्रतिभाओं को आगे बढऩे परेशानी हो रही है। वहीं खिलाडिय़ों में धैर्य की कमी भी सामने आ रही है। बालर हो या बैट्समेन उनको बड़े धैर्य से अपना अभ्यास करने की आवश्यकता है।