scriptStaff nurses sleep after 10 pm, relatives of patients wander | रात 10 बजे के बाद सो जातीं हैं स्टॉफ नर्सेस, भटकते हैं मरीज के परिजन | Patrika News

रात 10 बजे के बाद सो जातीं हैं स्टॉफ नर्सेस, भटकते हैं मरीज के परिजन

locationजांजगीर चंपाPublished: Nov 22, 2022 09:04:46 pm

जिला अस्पताल में नाइट ड्यूटी में कार्यरत स्टॉफ नर्सेस व डॉक्टर सो जाते हैं। इसके चलते मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह कोई नई बात नहीं बल्कि जिला अस्पताल की परंपरागत समस्या है।

रात 10 बजे के बाद सो जातीं हैं स्टॉफ नर्सेस, भटकते हैं मरीज के परिजन
नर्स को जगाने दरवाजा खटखटाती महिला
जांजगीर-चांपा। दरअसल, बाराद्वार क्षेत्र के ग्राम सरहर निवासी अहिल्या बाई अपनी माता हेमबाई के पेट दर्द की शिकायत के बाद रविवार की सुबह 11 बजे जिला अस्पताल लेकर पहुंची थीं। मरीज को पुरूष वार्ड 1 में भर्ती किया गया था। इसी बीच रात्रि 9.10 बजे के करीब मरीज को ग्लूकोज का बोतल चढ़ाया गया, जिसके बाद नर्स स्टॉफ रूम में चली गई। तभी रात्रि 12.10 के करीब मरीज का ग्लोकोज बोतल खाली हो गया। इसके बाद मरीज की बेटी अहिल्या नर्स को बुलाने स्टॉफ रूम में पहुंची, लेकिन नर्स झल्लाते हुए महिला को भगा दी। इधर महिला दर्द से कराह रही थी। उसके हाथों के नश में दवा जाने के बजाए उसके शरीर से खूल उल्टे कैनूला पाइप में जा रहा था। फिर भी नर्स कमरे से बाहर निकलने का नाम नहीं ली। इस बीच मरीज का काफी खून ड्रिप में चढ़ चुका था। बहुत देर तक नर्स का रूम ठोकने और विनती करने के बाद नर्स बाहर निकली और मरीज के परिजन को अनाप-सनाप बोलते हुए मरीज के पास पहुंची और बोली की मेरा नींद खराब कर दी। इसी बीच मौजूद लोगों ने पूरे घटनाक्रम का वीडियो फोटो अपने कैमरे में कैद कर लिया। नर्सो की ये लापरवाही किसी एक दिन की नहीं है हमेशा से उनका व्यवहार मरीज के साथ इसी तरह का रहता है। जिससे कई बार विवाद की स्थिति निर्मित हो गई है। लेकिन स्टॉफ नर्सेस की यह लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रहा है।
क्षमता से अधिक मरीज
कुछ इसी तरह की परेशानी हर रोज देखने को मिल रही है। जिसमें मरीज को भर्ती रहते हैं लेकिन उनकी प्रॉपर मॉनिटरिंग करने के बजाए स्टॉफ नर्सेस सो जा रहीं हैं। यहा रवैय्या डॉक्टरों का भी रहता है। जिसका खामियाजा मरीज सहित उनके परिजनों को भुगतना पड़ रहा है।
इस तरह की समस्या गंभीर है। नाइट शिफ्ट में कार्यरत स्टॉफ नर्सेस व डॉक्टरों को अलर्ट रहकर काम करने कहा जाएगा।
- डॉ. एके जगत, सिविल सर्जन
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