scriptState Highway's site track one and a half to two feet deep, accidents | स्टेट हाइवे की साइट पटरी डेढ़ से दो फीट तक गहरी, हर रोज हो रहे हादसे | Patrika News

स्टेट हाइवे की साइट पटरी डेढ़ से दो फीट तक गहरी, हर रोज हो रहे हादसे

locationजांजगीर चंपाPublished: Jan 27, 2023 09:03:59 pm

Submitted by:

Ashish Tiwari

जिले के किसी न किसी थाना क्षेत्र में हर रोज सड़क हादसे हो रहे हैं। जिसमें कई लोग घायल हो रहे है। इसका एक बड़ा कारण स्टेट हाइवे के दोनों किनारे पर सड़क से नीचे बनी डेढ़ से दो फीट की पटरी है। इन गहरी पटरियों से सड़क पर चढ़ते या उतरने समय अक्सर वाहन चालक फिसल कर गिर जाते हैं, जिसे बड़ी दुर्घटना हो जाती है।

स्टेट हाइवे की साइट पटरी डेढ़ से दो फीट तक गहरी, हर रोज हो रहे हादसे
palta track
इन पटरियों को फिलिंग कर सड़क से कुछ नीचे करने का प्रावधान है ताकि आसानी से सड़क पर चढ़ा जा सके लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण ठेकेदार ध्यान नहीं देते।
ज्ञात हो कि वन टाइम सेटलमेंट के तहत एनएच द्वारा बनारी से मसनिया कला तक डामरीकरण सड़क का निर्माण किया गया जा रहा है। २६ करोड़ रुपए में सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है। पुटपुरा मोड़ से प्रारंभ होकर जांजगीर जिला मुख्यालय, चांपा, होते हुए मसनियाकला तक पहुंची है। पहले यह सड़क एनएच में आती थी, लेकिन अब फोनलेन बन जाने के कारण यह सड़क स्टेट हाइवे बन गया है, इसलिए अंतिम बार एनएच द्वारा इसका निर्माण कर सौंप दिया जाएगा। इन सड़कों को एनएच बना तो रहा है लेकिन बनाने के बाद सड़क किनारे दोनों ओर असीमित गहराई हो जा रही है। डेढ़ से दो फीट गहराई छोड़कर किनारे में डामरीकरण किया जा रहा है। साल दर साल सड़क पर डामरीकरण की परत चढऩे से फटपाथ से सड़क की ऊंचाई लगातार बढ़ती जा रही है। नियमानुसार सड़क के दोनों ओर पटरियों को संबंधित विभागों को मिट्टी या मुरूम से समतल करना चाहिए ताकि विपरीत दिशा से दो वाहनों के आने पर सड़क से नीचे उतारते समय वाहन पलटने की संभावना ही न रहे। लेकिन विभागों ने सड़कें बनाने के बाद दोनों ओर को समतल करना छोड़ दिया है। जिसके कारण कई स्थानों पर एक से डेढ़ फीट गड्ढे तक हो गए हैं। गुरुवार को पुराना आरटीओ के सामने एक हादसा हुआ, हालांकि किसी को ज्यादा चोट नहीं है। विपरीत दिशा से वाहन आने के कारण एक भूसा भरा ट्रक सड़क से नीचे उतारा तो गहरी गड्ढा होने की वजह से सड़क किनारे जाकर पलट गई। वहां पर सूना था, और चालक ने कूदकर अपनी जान बचाई, इसलिए बड़ा हादसा टल गया। इससे चालक की जान भी जा सकती है। इसके अलावा बाइक चालक हर रोज गिरकर हादसे के शिकार हो रहे हैं।
बन रहे अघोषित डेंजर जोन
पुलिस ने सड़क हादसों के लिए कुछ स्थानों को चिन्हांकित किया है। इन स्थानों पर सचेत होकर वाहन चलाने के लिए लोगों को प्रेरित करने के लिए वहां पर बोर्ड भी लगाए गए हैं। जिसमें उन क्षेत्रों में हुए हादसे व मौत तथा घायलों की जानकारी दी गई है। लेकिन सड़क किनारे बने ये गहरे गड्ढे नए डेंजर जोन बनते जा रहे हैं। जिला मुख्यालय में शारदा चौक, विवेकानंद रोड, चांपा रोड में नहर के नीचे के अलावा अकलतरा रोड सहित अन्य स्थानों पर सड़क किनारे जानलेवा गड्ढे बनते जा रहे हैं।
पटरी का है प्रावधान
नेशनल व स्टेट हाईवे में सड़क के दोनों ओर समतल करने के लिए डेढ़-डेढ़ मीटर पटरी बनाने का प्रावधान होने के बाद भी ठेकेदार इसे गंभीरता से नहीं लेते। शायद यही वजह है कि पूर्व के ठेकेदारों ने दोनों ओर पटरी नहीं बनाई और सड़क की ऊंचाई बढ़ती चली गई।
वर्जन
निर्माणाधीन सड़क में अभी बहुत कुछ काम बाकी है। आगे सोल्डर में मिट्टी फिलिंग की जाएगी।
विजय साहू, इंजीनियर, एनएच
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