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जिले में फूड लाइसेंस बनना बंद, आवेदन करने के महीने दिन बाद भी व्यापारियों को लाइसेंस पाने हो रही परेशानी, ये है वजह…

locationजांजगीर चंपाPublished: Mar 19, 2019 06:35:17 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

– जिले में चार खाद्य सुरक्षा अधिकारी की है पोस्टिंग

जिले में फूड लाइसेंस बनना बंद, अभिहित अधिकारी का प्रभार किया खत्म

जिले में फूड लाइसेंस बनना बंद, अभिहित अधिकारी का प्रभार किया खत्म

जांजगीर-चांपा. जिला स्तर पर नए फूड लाइसेंस बनवाने और नवीनीकरण का काम पूरी तरह से ठप पड़ गया है। फरवरी महीने के बाद से न तो नया फूड लाइसेंस जारी हो रहा है और न ही पुराने लाइसेंस का नवीनीकरण हो रहा है। इसके पीछे वजह जिले से अभिहित अधिकारी का प्रभार खत्म होना बताया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि खाद्य सामाग्री बेचने के लिए व्यापारियों को फूड लाइसेंस लेना अनिवार्य होता है। जिला खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग से यह लाइसेंस जारी होता है। अब तक जिला स्तर पर ही नए फूड लाइसेंस और नवीनीकरण का काम हो रहा है। विभाग के वेबसाइट में ऑनलाइन आवेदन करने के बाद अभिहित अधिकारी द्वारा लाइसेंस जारी किया जाता है। हालांकि जिले में अब तक स्थायी अभिहित अधिकारी की नियुक्ति नहीं हुई है। ऐसे में हर बार सीएमएचओ को अभिहित अधिकारी का प्रभार दिया जाता है।
मगर शासन द्वारा वर्तमान में अभिहित अधिकारी का प्रभार वापस ले लिया गया है। ऐसे में जिला स्तर पर अभिहित अधिकारी का साइन नहीं होने से नए लाइसेंस जारी होने और पुरानों का नवीनीकरण का काम रूक गया है। ऐसे में आवेदन करने के महीने दिन बाद भी व्यापारियों को लाइसेंस पाने के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है। जिले में चार खाद्य सुरक्षा अधिकारी की पोस्टिंग है मगर डीओ (अभिहित अधिकारी) नहीं होने से लाइसेंस जारी होने का काम पूरी तरह से रूक गया है। केवल खाद्य पदार्थों की जांच और सैंपलिंग का काम हो पा रहा है।
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उल्लेखनीय है कि ऐसी स्थिति पूरे प्रदेश में बनी हुई है क्योंकि जिलों से अभिहित अधिकारी का प्रभार वापस लेने के बाद अब तक किसी को प्रभार नहीं दिया गया है। रायपुर मुख्यालय में अभिहित अधिकारी नहीं है जिससे लाइसेंस जारी होने का काम पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है। ऐसे में जिला स्तर के अधिकारी भी बेबस हैं। जबकि बिना लाइसेंस खाद्य सामग्रियों का बिजनेस करते पाए जाने पर जुर्माना और सजा का प्रावधान है।

धारा-36 के नियमों का पालन नहीं
दरअसल धारा 36 के तहत यह प्रावधान है कि प्रत्येक जिले में एक अभिहित अधिकारी होना अनिवार्य है मगर जिले में अब तक स्थायी अभिहित अधिकारी की पोस्टिंग नहीं हुई है। प्रभारी अधिकारियों के भरोसे यह व्यवस्था चल रही है। ऐसे में अब तक डीओ का प्रभार जिले के दूसरे विभागों के अधिकारियों को दिया जाता रहा है।

30 दिनों में नवीनीकरण भी नहीं
पिछले माह भर से लाइसेंस नवीनीकरण का काम अटक गया है। जबकि नियम यह है कि 30 कार्य दिवस के भीतर नवीनीकरण का कार्य किया जाता है।

-जिला स्तर पर नए फूड लाइसेंस और नवीनीकरण डीओ (अभिहित अधिकारी) द्वारा जारी होता है मगर जिले में अभी अभिहित अधिकारी नहीं है। शासन द्वारा जिले के सीएमएचओ को डीओ का प्रभार दिया गया था। हालांकि जिला स्तर पर ही नहीं पूरे प्रदेश स्तर पर अभिहित अधिकारी नहीं होने से लाइसेंस जारी नहीं हो पा रहे हैं- डीके देवांगन, जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी जांजगीर-चांपा
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