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ऐसा क्या हुआ इस स्कूल में कि छात्राओं ने गेट में जड़ा ताला, आंदोलन करने सड़क पर उतरीं

locationजांजगीर चंपाPublished: Nov 08, 2019 07:16:28 pm

Submitted by:

sandeep upadhyay

* मनाने पहुंचे बीईओ और तहसीलदार

ऐसा क्या हुआ इस स्कूल में कि छात्राओं ने गेट में जड़ा ताला, आंदोलन करने सड़क पर उतरीं

ऐसा क्या हुआ इस स्कूल में कि छात्राओं ने गेट में जड़ा ताला, आंदोलन करने सड़क पर उतरीं

रायपुर. बेमेतरा जिले के आंधियांखोर स्कूल में भले ही पढऩे वाले विद्यार्थियों की संख्या 700 से अधिक हो, लेकिन उनके भविष्य की चिंता न तो प्रशासन को है और न ही विद्यालय के शिक्षकों को। यहां पढऩे वाले बोर्ड के विद्यार्थियों अपने भविष्य की चिंता है। उन्होंने आरोप लगाया है कि स्कूल में शिक्षकों की कमी के बाद भी दो शिक्षकों को दूसरे स्कूल में अटैच करके रखा गया है। उनकी मांग के बाद भी जब डीईओ ने उन शिक्षकों की वापसी नहीं की तो विद्यार्थियों ने शुक्रवार सुबह स्कूल के मुख्य गेट में ताला जड़ दिया और सड़क पर उतर गए। इसके बाद बीईओ और तहसीलदार मौके पर पहुंचे और बच्चों को समझाया तो उन्होंने धरना प्रदर्शन बंद किया।
गौरतलब है कि शिक्षा विभाग ने आंधियांखोर स्कूल के 2 शिक्षकों को विगत 6 महीनों से दूसरे ब्लॉक की स्कूल में अटैच कर रखा है। इसके कारण बच्चों की सही से पढ़ाई नहीं हो पा रही थी। बच्चों ने स्कूल में टीचरों की तैनाती के लिए कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी से मांग की थी, लेकिन उनकी मांग का दोनों अधिकारियों पर कोई असर नहीं पड़ा। यह सब देख कर बच्चे आक्रोशित हो गए। उन्होंने गुरुवार सुबह स्कूल के मेन गेट में ताला जड़ दिया और सड़क पर बैठकर धरना आंदोलन करने लगे। स्कूल के प्राचार्य ने बच्चों को समझाइश दी। इसी दौरान जब मामले की जानकारी जिला प्रशासन को हुई तो तहसीलदार और बीईओ भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने बच्चों को आश्वासन दिया जिसके बाद बच्चे शांत हुए और स्कूल का ताला खोला गया। स्कूल के बच्चों द्वारा इस तरह अपने भविष्य की चिंता को लेकर सड़क पर उतरने की घटना के बाद लोग जिला प्रशासन की कार्यशैली पर उंगली उठा रहे हैं। उनका कहना है कि जिला प्रशासन को बच्चों के भविष्य से कोई लेना-देना नहीं है। हालत यह है कि बच्चों को खुद अपने भविष्य को लेकर सड़कों पर उतरना पड़ रहा है।
छात्रों का आरोप

इस बारे में स्कूल के विद्यार्थियों का आरोप है कि शिक्षकों की कमी के चलते पढ़ाई प्रभावित हो रही है बोर्ड परीक्षा सिर पर है और 2 शिक्षकों को दूसरे ब्लॉक की स्कूल में अटैच कर दिया गया है जिससे कारण हमने जिला शिक्षा अधिकारी कलेक्टर को आवेदन दिया था जिस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है इस कारण हमने तालाबंदी किया है।
प्राचार्य का गैर जिम्मेदाराना जवाब

इस घटना को लेकर प्राचार्य बीआर हिरवानी का गैर जिम्मेदाराना जवाब आया है। उन्होंने दावा किया है कि शिक्षकों की कमी नहीं है। बच्चे कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश कर रहे हैं। इससे साफ है कि प्राचार्य को सिर्फ अपनी नौकरी की चिंता है देश के भविष्य की चिंता नहीं है।
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