दरअसल परिजनों का कहना है कि छात्रा जिद्दी किस्म की थी। वह एक-दो दिनों तक खाती- पीती नहीं थी और उपर के कमरे में पड़ी रहती थी। हर बार की तरह उसके परिजनों से सोचा जब उसे भूख लगेगी तो वह नीचे खुद ब खुद आएगी, लेकिन इस बार कहानी उलट हो गई। इस बार वह जिंदा नहीं बल्कि कफन में लिपटी हुई नीचे उतरी।
कोतवाली पुलिस के मुताबिक खिसोरा बलौदा के रहने वाले एनएच 49 के इंजीनियर विजय साहू हसदेव विहार कालोनी जांजगीर में एचआईजी 32 नंबर मकान में रहते हैं। विजय साहू की नाबालिग बेटी मौजूदा शिक्षा सत्र में कक्षा बारहवीं का पेपर दिलाई थी। इसके अलावा वह नीट की पढ़ाई के लिए तैयारी कर रही थी।
वह 11 अप्रैल की शाम 4 बजे अपने घर के ऊपरी बिल्डिंग में पढऩे गई थी। इससे पहले उसके पिता ने उसे यह कह दिया था कि पढ़ाई लिखाई में ध्यान दे। वह 12 अप्रैल की शाम 7 बजे तक वह ऊपरी बिल्डिंग से नीचे नहीं उतरी तब उसके परिजनों ने कमरे का दरवाजा खटखटाया, जब दरवाजा नहीं खुला तो परिजनों को शक हुआ। उन्होंने धक्के मारकर दरवाजा तो तोड़ा तब बेटी का शव सीलिंग फेन में लटकते देखा।
छात्रा ने अपने चुनरी में फांसी लगा ली थी। घटना की खबर लगते ही कालोनी के लोगों में शोक की लहर दौड़ गई। लो कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और मर्ग कायम कर पंचनामा कार्रवाई की। फिलहाल पुलिस ने शव को रात को अपने कब्जे में ले लिया और शनिवार की सुबह ही पोस्टमार्टम के लिए रवाना कर दिया। शनिवार की सुबह उनके गृह ग्राम खिसोरा में अंतिम संस्कार किया गया।