जांजगीर चंपा

तीन माह गुजर जाने के बाद भी छात्रों को नहीं मिली किताबें, खाली हाथ स्कूल जाने को मजबूर हैं छात्र, ये है वजह…

Chhattisgarh Education : आने वाले महीने में सभी स्कूलों में त्रैमासिक परीक्षा भी होने वाली है। ऐसे में पिछड़े हुए छात्रों का रिजल्ट प्रभावित होगा।

जांजगीर चंपाAug 23, 2019 / 11:50 am

Vasudev Yadav

तीन माह गुजर जाने के बाद भी छात्रों को नहीं मिली किताबें, खाली हाथ स्कूल जाने को मजबूर हैं छात्र, ये है वजह…

जांजगीर-चांपा. मौजूदा शिक्षा सत्र के तीन माह बीत जाने के बाद अब भी सैकड़ों स्कूलों के हजारों छात्र खाली हाथ स्कूल जाने मजबूर हैं। वजह है, उनके बस्ते में पाठ्य पुस्तक निगम की नि:शुल्क किताबें अब तक नहीं पहुंच पाई है।
हालांकि शासन ने एक खेप सभी स्कूलों में नि:शुल्क किताबों का वितरण कर चुकी है। बाद में एडमिशन लेने वाले या फिर कई कारणों से उलटफेर के चक्कर में उलझे हुए छात्रों को अब तक किताबें नहीं मिल पाई थी। इसके लिए स्कूल संचालकों ने मांग पत्र डीईओ (DEO) को सौंपा था। मांग पत्र के मुताबिक शासन से किताबों की मांग की थी। इसके बाद गुरुवार को जांजगीर के डिपो में किताबें पहुंची है।
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सरकार भले ही स्कूलों में नि:शुल्क किताबों का वितरण करती है, लेकिन यह किताब छात्रों को समय पर उपलब्ध नहीं हो पाता। इसके पीछे वजह वितरण सिस्टम में खामियां बताई जा रही है। वहीं दूसरी वजह छात्रों का देर से एडमिशन होना बताया जा रहा है। देर से एडमिशन लिए छात्रों की दर्ज संख्या भेजने में काफी देर हो जाती है अलबत्ता उसे शासन की योजना की किताबें देर से उपलब्ध हो पाती है।

कुछ इसी तरह की खामियों से जिले के हजारों की तादाद में आज भी ऐसे छात्र हैं जो शिक्षा सत्र के तीन माह गुजर जाने के बाद भी स्कूल खाली हाथ जाने मजबूर हैं। क्योंकि उन्हें अब तक पाठ्यपुस्तक निगम की किताबें नहीं मिल पाई है। इसमें सबसे ज्यादा हिंदी माध्यम के छात्र ज्यादा प्रभावित हुए हैं। वहीं कई छात्र देर से एडमिशन लिए हैं वे नि:शुल्क किताब से वंचित हैं।
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गुरुवार को आया दूसरा खेप
बताया जा रहा है कि राज्य शासन ने मांग के मुताबिक जिन छात्रों को अब तक किताबें नहीं मिली थी उनके लिए नि:शुल्क किताबों की व्यवस्था करा दी है। गुरुवार को इसका खेप हाईस्कूल क्रमांक एक के गोदाम में पहुंचा है। इस आशय का आदेश प्रसारित किया जाएगा कि जिन्हें किताबों की जरूरत है वे जांजगीर से किताब ले जा सकते हैं।

छात्रों की पढ़ाई हुई प्रभावित
जिन छात्रों को अब तक नि:शुल्क किताबें नहीं मिल पाई थी उनकी पढ़ाई प्रभावित हुई है। ऐसे छात्र या तो सहपाठियों से मांगकर पढ़ाई करनी पड़ी या फिर जुगाड़ से।

– देर से एडमिशन सहित विभिन्न कारणों से छूटे हुए छात्रों को पाठ्य पुस्तक निगम से किताबें नहीं मिल पाई थी। अब किताबें पहुंच चुकी है। इसका वितरण किया जाएगा- केएस तोमर, डीईओ

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