अकलतरा में पीएम स्थानीय डॉक्टर द्वारा किया जाएगा, जो कि कांग्रेस नेता के दबाव में आकर रिपोर्ट में गड़बड़ी कर सकता है। तहसीलदार और पुलिस अफसरों के चार घंटे तक समझाने के बाद बड़ी मुश्किल से परिजन माने और अकलतरा में पोस्टमार्टम किया गया। इस दौरान परिजनों ने जांजगीर से डॉक्टरों को बुलाकर तीन डॉक्टरों की टीम के द्वारा पोस्टमार्टम कराया जाए। इसके बाद प्रशासनिक अफसरों ने जांजगीर के डॉक्टरों की टीम को बुलवाया और वीडियोग्राफी के बीच पोस्टमार्टम कराया गया। शुक्रवार ढाई बजे मृतिका की मौत के २४ घंटे बाद शनिवार को ढाई बजे पोस्टमार्टम किया गया। इस दौरान परिजन लगातार ससुरालियों पर हत्या का आरोप लगाते हुए चींखते चिल्लाते रहे, लेकिन उनकी गुहार को सुनने वाला कोई नहीं था।
यहां होने वाली है पीएम की सभा, जर्मन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से तैयार किया जा रहा चार करोड़ का डोम गौरतलब है कि बलौदा ब्लाक कांगे्रस का पूर्व अध्यक्ष व राइस मिलर्स निखिल कौशिक की पत्नी चेतना (२९) ने शुक्रवार दोपहर ढाई बजे अपने घर में फांसी लगा ली थी। फांसी का कारण पति से लगातार विवाद होना बताया जा रहा है। परिजनों का आरोप है कि चेतना की हत्या कर उसे बाद में फांसी के फंदे में लटकाया गया और उसे फांसी का रूप दिया जा रहा है। परिजनों को आशंका थी कि उसकी हत्या की गई है। आखिरकार परिजन की हामी के बाद शनिवार को बड़ी मुश्किल से पोस्टमार्टम किया गया। इसके लिए अकलतरा तहसीलदार हरदयाल ठाकुर और बीएमओ अकलतरा के अलावा जांजगीर से गई दो डॉक्टरों को मिलाकर चार डॉक्टरों की टीम बनाई गई, जिनकी निगरानी में पोस्टमार्टम किया गया।
पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद मौत के कारण का पता चल पाएगा। बताया जा रहा है कि इस मामले में पति के खिलाफ अधिकतम आत्महत्या के दुष्प्रेरण यानी धारा ३०६ का मामला का मामला दर्ज किया जा सकता है। क्योंकि मृतका को फांसी लगाने के मजबूर किया गया है। यदि पीएम रिपोर्ट में फांसी से मौत होना नहीं पाया गया तो ससुरालियों की मुसीबत बढ़ सकती है। मृतिका के भाई का कहना है कि उसकी बहन की मौत का गम उसके पति, सास, ससुर व देवर किसी को भी नहीं है। अगर होता तो शुक्रवार को उसकी मौत के बाद वह लोग पंचनामा कार्रवाई के दौरान घटना स्थल से गायब नहीं हो जाते।
पुलिस पर दबाव में पंचनामा करने का आरोप
मृतिका के भाई दिग्विजय कश्यप ने उसकी की हत्या करने का आरोप लगाय है। उनका कहना है कि घटना शुक्रवार लगभग दो बजे के बीच की है, जबकि मायके पक्षको जानकारी तीन बजे के बाद दी गई। जब तक मायके पक्ष के लोग मौके पर पहुंचते तब तक मृतिका का शव फंदे से उतारकर नीचे लिटा दिया गया था। दिग्विजय का कहना है कि इतनी बड़ी घटना हो जाने के बाद घटना स्थल पर घर की कोई लेडीज नहीं थी। वहां न सास, ससुर न पति निखिल और न देवर कोई भी मौजूद नहीं था। पंचनामा के कार्रवाई के दौरान भी पीडि़त पक्ष ने ससुराल पक्ष के सदस्य की उपस्थिति की मांग की, लेकिन पुलिस ने दबाव के चलते पंचनामा कार्रवाई अकलतरा के नेताओं व नगर वासियों के सामने की। ऐसे में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।