इस नए ऐप के उपयोग के लिए सभी जिले के सभी 19 थाना प्रभारियों को निर्देशित किया गया है। साइबर सेल के माध्यम से जिले के थाना प्राभारी एवं मेडिकल व राजस्व की टीम को प्रशिक्षित किया गया। जिसका उपयोग करते हुए सभी थाना प्रभारियों द्वारा अपने क्षेत्र के जो विदेश से अथवा अन्य राज्य से आए हुए व्यक्ति हैं उन्हें होम आइसोलेटेड किया गया है, उन पर लगातार उनके मोबाइल पर एक्टिव किए गए हैं।
उनके मोबाइल लोकेशन सेटिंग के माध्यम से निगरानी रखी जा रही है, ताकि उनके द्वारा किसी प्रकार की उपेक्षा या लापरवाही किए जाने पर तत्काल पुलिस द्वारा कार्रवाई कर क्षेत्र के लोगों के स्वास्थ्य एवं जीवन को संक्रामक रोग से रोका जा सके।
अब दवा के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं, इस नंबर पर कॉल कर मंगा सकेंगे, नहीं देना होगा अतिरिक्त शुल्क ऐप ऐसे करेगा काम
इस दिशा में पुलिस अधीक्षक द्वारा नवाचार करते हुए एक विशेष टीम गठित की गई है। उक्त टीम द्वारा एक नवीन मोबाइल ऐप बनाया जा रहा है। जिसमें प्रत्येक हर घंटे में होम आइसोलेटेड रखे गए संदिग्ध सेल्फी भेजेंगे और अपने घर से 200 मीटर दूर जाने पर अपने आप एसएमएस अलर्ट हमें मिल जाएगा। जिससे निश्चित किया जा सकेगा कि संदिग्ध अपने आइसोलेटेड स्थान पर है अथवा नहीं। इस तकनीक द्वारा लगतार गूगल मैप से ट्रैकिंग किया जा सकता है। एसपी द्वारा की जा रही पहल निश्चित रूप से कोरोना वायरस से जिले के निवासियों के जीवन की सुरक्षा के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
-कोरोना संदिग्ध हों या फिर ठीक होकर घर पर ही क्वेरेंटाईन रहने वाले लोग, इनकी निगरानी के लिए जांजगीर पुलिस ने एक ऐप डिजाइन किया है। इस एप में संदिग्ध अथवा क्वारंटाईन किया व्यक्ति यदि निर्धारित जगह से दो सौ मीटर दूर गया तो पुलिस के पास एसएमएस आ जाएगा। यह एप गूगल मैप का सपोर्ट लेता है। इस ऐप को संदिग्ध अथवा क्वेरेंटाईन में मौजूद व्यक्ति के मोबाइल पर डाउनलोड किया जाता है। इस एप में हर घंटे संदिग्ध व्यक्ति को जो होम आईसोलेटेड है वह अपनी सेल्फी भी भेजेगा। एसएमएस अलर्ट यह भी बताएगा कि व्यक्ति निर्धारित जगह पर है या नहीं -पारूल माथुर, एसपी