जिला मुख्यालय के नगरपालिका में शहर के लोग टेक्स पटाने के लिए कोताही बरत रहे हैं। नगर के लोगों ने अब तक एक करोड़ का टैक्स लटका दिया है। जिसके चलते नगरपालिका को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक नगरपालिका के कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़े हैं। टैक्स वसूली के लिए पालिका ने नया फंडा अपनाया है।
कचरा प्रबंधन महिलाओं के हाथों, क्योंकि औरतों से संवरता है घर, अब संवरेगा शहर भी, पढि़ए खबर… इन दिनों एक नगर में तीन-चार रिक्शे से लाउड स्पीकर से मुनादी कराई जा रही है। जिसमें कहा जा रहा है कि शहर के लोग समय पर टैक्स का भुगतान करें, नहीं तो एक हजार रुपए का जुर्माना पटाना पड़ेगा। जुर्माना के लिए तय अवधि के बाद भी यदि कर भुगतान नहीं होता है तो निर्धारित शुल्क के अलावा 10 प्रतिशत अधिक कर का भुगतान करना पड़ेगा। संपत्ति कर, समेकित कर, जल कर सहित अन्य तरह के करों का भुगतान समय पर नहीं होने पर नगरपालिका द्वारा और भी कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
धान मिंजाई के बाद थी उम्मीद
नगरपालिका को यह उम्मीद थी कि धान मिंजाई के बाद लोगों के घरों में पैसा आएगा। इसके बाद लोग पैसा पटा देंगे, लेकिन धान मिंजाई के बाद भी लोग करों के भुगतान के लिए राजी नहीं हो रहे हैं। जिसके चलते पालिका को यह कदम उठाना पड़ रहा है। गौरतलब है कि शहर की आधी आबादी के लोग किसान वर्ग के हैं। उनकी प्रमुख आमदनी खेती किसानी पर ही निर्भर है। लोग धान बिक्री कर करों का भुगतान करते हैं, लेकिन धान बिक्री के एक माह बाद भी करों का भुगतान नहीं होने पर पालिका का टेंशन बढ़ गया है।