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सुनो-सुनो… नगरपालिका का टैक्स पटाओ, नहीं तो इतना रुपया भरना पड़ेगा जुर्माना, पढि़ए खबर…

locationजांजगीर चंपाPublished: Jan 07, 2018 08:18:03 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

अधिभार से बचने के लिए नियत समय पर नगरपालिका का करों का भुगतान कर दो। इस तरह की मुनादी नगरपालिका द्वारा कराई जा रही है।

सुनो-सुनो... नगरपालिका का टैक्स पटाओ, नहीं तो इतना रुपया भरना पड़ेगा जुर्माना, पढि़ए खबर...
जांजगीर-चांपा. सुनो-सुनो शहरवासियों 31 मार्च तक नगर पालिका का टैक्स पटाओ, नहीं तो आपको एक हजार रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा। अधिभार से बचने के लिए नियत समय पर नगरपालिका का करों का भुगतान कर दो। इस तरह की मुनादी नगरपालिका द्वारा कराई जा रही है। दरअसल नगरपालिका में एक करोड़ का टैक्स बाकी है। टैक्स जमा करने के लिए नगर के लोग उदासीन है। इसके चलते नगर पालिका आर्थिक कठिनाइयों से जूझ रहा है। यहां तक कि नगर पालिका के कर्मचारियों को वेतन के लाले होना पड़ रहा है, जिसके चलते नगरपालिका को इस तरह की मुनादी करानी पड़ रही है।
जिला मुख्यालय के नगरपालिका में शहर के लोग टेक्स पटाने के लिए कोताही बरत रहे हैं। नगर के लोगों ने अब तक एक करोड़ का टैक्स लटका दिया है। जिसके चलते नगरपालिका को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक नगरपालिका के कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़े हैं। टैक्स वसूली के लिए पालिका ने नया फंडा अपनाया है।
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इन दिनों एक नगर में तीन-चार रिक्शे से लाउड स्पीकर से मुनादी कराई जा रही है। जिसमें कहा जा रहा है कि शहर के लोग समय पर टैक्स का भुगतान करें, नहीं तो एक हजार रुपए का जुर्माना पटाना पड़ेगा। जुर्माना के लिए तय अवधि के बाद भी यदि कर भुगतान नहीं होता है तो निर्धारित शुल्क के अलावा 10 प्रतिशत अधिक कर का भुगतान करना पड़ेगा। संपत्ति कर, समेकित कर, जल कर सहित अन्य तरह के करों का भुगतान समय पर नहीं होने पर नगरपालिका द्वारा और भी कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

धान मिंजाई के बाद थी उम्मीद
नगरपालिका को यह उम्मीद थी कि धान मिंजाई के बाद लोगों के घरों में पैसा आएगा। इसके बाद लोग पैसा पटा देंगे, लेकिन धान मिंजाई के बाद भी लोग करों के भुगतान के लिए राजी नहीं हो रहे हैं। जिसके चलते पालिका को यह कदम उठाना पड़ रहा है। गौरतलब है कि शहर की आधी आबादी के लोग किसान वर्ग के हैं। उनकी प्रमुख आमदनी खेती किसानी पर ही निर्भर है। लोग धान बिक्री कर करों का भुगतान करते हैं, लेकिन धान बिक्री के एक माह बाद भी करों का भुगतान नहीं होने पर पालिका का टेंशन बढ़ गया है।

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