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जांजगीर चंपा

टीम ने राहुल के सुरक्षित होने का आश्वासन दिया, NDRF की टीम पहुंच चुकी बहुत ही नजदीक

बीते चार दिनों से जांजगीर चांपा में राहुल बोरवेल में फसा हुआ है। SRDF और NDRF की टीम ने जुट कर राहुल के बहुत ही नजदीक पहुंच चुकी है।

जांजगीर चंपाJun 14, 2022 / 06:12 pm

CG Desk

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जांजगीर-चांपा। बोरवेल में गिरे राहुल को निकलने में कुछ समय लगेगा क्योंकि NDRF की टीम बहुत ही नजदीक पहुंच चुकी है। लेकिन एक- दो बड़े पत्थरों के बीच में आ जाने से मुश्किलें पैदा हो रही हैं। एनडीआरएफ,सेना, स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों सहित 500 से अधिक कर्मी शुक्रवार शाम से चल रहे व्यापक बचाव अभियान में जुटे हुए हैं। निरीक्षक (एनडीआरएफ) ने बताया कि कठोर चट्टानों के कारण बच्चे तक पहुंचने के लिए बराबर गड्ढे और बोरवेल के बीच लगभग 15 फीट लंबी एक सुरंग बनाने के काम में दिक्कत आ रही है। हालांकि, एनडीआरएफ की टीम बहुत ही सूझबूझ से पत्थर को हटाने का काम कर रही है क्योंकि डर है कि पत्थर को तोड़ते समय कहीं राहुल को चोट न लग जाए। एनडीआरएफ की टीम ने बल्ली के सहारे एक स्ट्रक्चर खड़ा किया है। इसके साथ ही वाइब्रेटर से राहुल के नीचे के पत्थर को चिकना बनाया जा रहा है। जिससे उसको बाहर निकालने के दौरान चोट न लगे। बचावकर्मियों के लिए ड्रिलिंग मशीनों से भी चट्टान को काटना मुश्किल हो रहा है। शुक्रवार से एनडीआरएफ की तीसरी बटालियन के बचाव दल की अगुवाई कर रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि बचाव में कितना समय लगेगा, उन्होंने कहा किसी भी समय की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती, लेकिन हम आज देर रात तक वहां पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं।

बयान में कहा राहुल अभी स्वस्थ्य एवं सुरक्षित है
बयान में ये भी कहा की राहुल अभी ठीक ठाक एवं सुरक्षित है और जल्द ही स्वास्थ्य कर्मियों की एक टीम बच्चे को तत्काल सहायता मुहैया कराने के लिए मौके पर सभी जरूरी इंतजाम की हुई हैं जबकि बिलापुर के अपोलो अस्पताल में उसे स्थानांतरित करने के लिए सभी सुविधाओं के साथ एक एम्बुलेंस भी तैयार रखी गई है। बोरवेल के अंदर कुछ पानी था जहां बच्चा फंसा था। एनडीआरएफ के जवान इसे निकालने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। क्षेत्र के ग्रामीणों को अपने बोरवेल चालू करने के लिए कहा गया था, जबकि भूजल स्तर को कम करने के लिए पास के दो बांध से भी पानी छोड़ा जा रहा है। इस बीच, बच्चे को सुरक्षित निकाले जाने के लिए सोशल मीडिया पर दुआएं की जा रही हैं।

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