पुलिस अधीक्षक के बदलते ही भूमिगत हुए सटोरिए
जांजगीर चंपाPublished: May 24, 2022 09:27:51 pm
वैसे तो आईपीएल को चलते ठीक दो माह हो चुके, पहले खुलेआम सटोरिए जिले में बखूबी सट्टा चलवा रहे थे लेकिन जब से एसपी विजय अग्रवाल की जब से जिले में पोस्टिंग हुई है तब से सटोरिए पूरी तरह से भूमिगत हो गए। कोई महानगरों की ओर कूच कर गए और बड़े शहरों में अपने ग्राहकों से लाखों के दांव लगवा रहे हैं तो कोई अंडरग्राउंड होकर गुपचुप तरीके से सट्टा खिलवा रहे हैं।
पुलिस अधीक्षक के बदलते ही भूमिगत हुए सटोरिए
जांजगीर-चांपा। हालांकि अब आईपीएल में चुनिंदा चार मैच बचे हैं। जिसमें दांव लगवाने सटोरिया कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। दिलचस्प यह है कि सभी सटोरिए जिले से पलायन कर गए हैं। यदि इनका लोकेशन तलाशी जाए तो बड़ा खुलासा हो सकता है। विडंबना यह है कि सटोरियों ने अपना मोबाइल नंबर बंद रखा है। नहीं तो निश्चित ही कई सटोरिए पकड़े जाते।
जांजगीर-चांपा व सक्ती सटोरियों का गढ़ है। यहां बड़े से बड़े सटोरिए आईपीएल में छाए रहते हैं। यहां आईपीएल के हर बाल में करोड़ों का दांव लगता है। यह किसी से छिपी भी नहीं है। आईपीएल के शुरूआती ५० मैचों में जिले में ही खुलकर सट्टा चल रहा था। लेकिन पुलिस को भनक भी लगी और कई छुटभैये सटोरियों को पकड़ा भी। केस सो करने में थाना प्रभारियों ने कोई कसर नहीं छोड़ा। लेकिन जब से एसपी विजय अग्रवाल जिले में आमद दी तब से सभी के सभी सटोरिए भूमिगत हो गए। अब किसी का भी पता नहीं चल रहा है। क्योंकि बड़े खाइवाल महानगरों के होटलों में गुपचुप तरीके से अपनी मंशूबों पर कामयाब हो रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि कोई कोलकाता के होटलों में दांव लगवा रहा है तो कोई पुरी के होटलों में छिपकर लाखों के दांव लगवा रहा है। इतना ही नहीं कई ऐसे भी हैं जो जिले के बार्डर में सक्रिय हैं। लेकिन जिले में एक भी सटोरिया खुलकर दांव नहीं लगवा पा रहे हैं।
जुआरियों का भी यही हाल
जिले में जुआरियों का भी बोलबाला बंद हो चुका है। पहले पंतोरा के जंगल, अकलतरा क्षेत्र के लीलागर नदी, बिर्रा के महानदी तट, बलौदा के छाता जंगल, शिवरीनारायण के महानदी तट सहित कई ठिकानों में खुलकर जुआ चल रहा था। लेकिन एसपी विजय अग्रवाल के आने के बाद जुआरियों की भी सिट्टी पिट्टी गुम हो चुकी है। अब केवल बिर्रा के सिलादेही नदी के किनारे दारू भट्ठी के पास का जुआ चलते सुनाई पड़ रहा है। यहां भी पुलिस वालों ने छापेमारी की थी लेकिन जुआरी भाग निकले थे।