गुणवत्ता को दरकिनारे कर बनाये गए पुल ज्यादा दिन तक नहीं टिक सका और यह पुल बीच से टूट गया। पुल टूटने के बाद भी जान जोखिम में डाल कर लोग इसमे आवागमन करने मजबूर हैं। क्योंकि बनारी और जांजगीर जाने के लिए यह रोड कम दूरी साबित होता है। लोगों को जांजगीर जाने के लिए लम्बी दूरी तय नहीं करना पड़ता। गांव से पढऩे जाने वाले छात्रों को भी इसी रास्ते से जाना पड़ता है और जाते समय जान को खतरा भी बना रहता है।
Read more : #इस नल से अपने आप ही बहता है पानी, लोगों में बना कौतूलहर का विषय, पढिए खबर बीच से टूटा पुल खतरनाक बना हुआ है। जिससे रात के अंधेरे में कोई भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है ।इसमे गिर कर मवेशी की भी जान जा सकती है। अफसरों को जानकारी होते हुए भी मौन रहना यह सब को देखकर लगता है कि संबंधित अधिकारी किसी अनहोनी का इंतजार कर रहे हैं। जल्द ही पुल का मरम्मत नहीं किया गया तो कोई भी घटना घट सकती है।वहीं मरम्मत न होने से ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ते जा रहा है।
पुल के टूटने से गांव के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों को खाद व अन्य सामग्री लाने ले जाने व परिवहन में दिक्कतें हो रही है। संबंधित ठेकेदार को भी अवगत करवाया जा चुका है लेकिन अभी तक कोई प्रयास नहीं किया गया है। अगर जल्द ही समस्या का समाधान नहीं हुआ तो ग्रामीण इसकी शिकायत कलेक्टर से करेंगे।