कीचड़ में शहर का बुधवारी बाजार, सालों बाद भी नहीं बदली तस्वीर
जांजगीर चंपाPublished: Aug 10, 2022 06:38:56 pm
जिला मुख्यालय जांजगीर का साप्ताहिक बुधवार चार-पांच दशकों से ज्यादा पुराना होगा लेकिन आज भी साप्ताहिक बाजार जहां लगता है वह स्थान अपेक्षित है। बारिश में भी कीचड़ के बीच ही बाजार लगता है और सालों बाद भी इसकी तस्वीर नहीं बदल रही।
कीचड़ में शहर का बुधवारी बाजार, सालों बाद भी नहीं बदली तस्वीर
जांजगीर-चांपा. हाट बाजार बनाने के लिए लाखों रुपए फूंक दिए लेकिन समय के बाद बाजार का दायरा बढ़ गया है। गांधी चौक तक दुकानदार दुकान लगा रहे हैं लेकिन बारिश में कीचड़ और गंदगी के बीच दुकानदारों को बैठना पड़ रहा है। वहीं नगरपालिका के जिम्मेदारों के द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा। जिससे दुकान लगाने वाले व्यापारी परेशान तो हो ही रहे हैं, खरीददारी करने पहुंचने लोगों को भी कीचड़ और गंदगी के बीच ही चलने की मजबूरी बनी हुई है।
फल मार्केट तो तालाब में तब्दील
गांधी चौक स्थित बाल मंदिर परिसर के अंदर साप्ताहिक बाजार के दिन फल मार्केट भी लगने लगा है। लेकिन गंदगी और पानी भरने से परिसर तालाब की तरह नजर आ रहा है। इसके चलते फल विक्रेता परिसर के किनारे-किनारे दुकान लगाकर बैठने मजबूर हैं। गंदगी के बीच से ही लोगों को भी फल खरीदने दो-चार होना पड़ रहा है।
लाखों का हाट बाजार भी बेकार
साप्ताहिक बाजार के लिए लाखों रुपए खर्च कर हाट बाजार भी बनाया गया है। छतदार चबूतरों का निर्माण कराया गया है लेकिन अधिकांश चबूतरे आज जर्जर हो चुके हैं। ऐसे में दुकानदार यहां दुकान नहीं लगाते। वहीं यह स्थान भी साप्ताहिक बाजार के लिए छोटा पड़ रहा है। क्योंकि दुकानदारों की संख्या बढ़ गई है। ऐसे में साप्ताहिक बाजार अब यहां से लेकर गांधी चौक तक लगने लगा है।
जनप्रतिनिधियों को नहीं दिखती दुर्दशा
विडंबना है कि साप्ताहिक बाजार की ऐसी दुर्दशा शहर के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों को नजर नहीं आ रही। साप्ताहिक बाजार के अलावा डेली सब्जी मार्केट में भी बारिश होने से कीचड़ हो जा रहा है जिससे दुकानदारों के साथ ही खरीददारी करने पहुंचे लोगों को भी परेशानी हो रही है। बता दें, डेली सब्जी मार्केट को पुराना जिला अस्पताल के बगल में शिफ्ट किया गया है जहां भी समुचित व्यवस्था नहीं है। पार्किंग की सबसे बड़ी समस्या है।