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भुगतान बना परेशानी : अपने की खातों से राशि निकालने किसानों को लगाना पड़ रहे बैंको के कई चक्कर

locationजांजगीर चंपाPublished: May 20, 2019 08:32:01 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

लाखों रुपए निकालने पहुंच रहे किसानों को दिनभर इंतजार करने के बाद भी बैंक दे रही मात्र 20 हजार रुपए, किसान बोले रोज लगाना पड़ रहे चक्कर

लाखों रुपए निकालने पहुंच रहे किसानों को दिनभर इंतजार करने के बाद भी बैंक दे रही मात्र 20 हजार रुपए, किसान बोले रोज लगाना पड़ रहे चक्कर

भुगतान बना परेशानी : अपने की खातों से राशि निकालने किसानों को लगाना पड़ रहे बैंको के कई चक्कर

जांजगीर-चांपा. सहकारी बैंक में नगदी की कमी किसानों की परेशानी बन गई है और किसान जरूरत के समय खातों से अपने ही रुपए नहीं निकाल पा रहे हैं। लाखो रुपए निकालने पहुंचने वाले किसानों को बैंक एक दिन २० से २५ रुपए से ज्यादा नगद नहीं दे रही है, इससे उन्हें जरूरत मुताबिक रुपए निकालने कई दिन बैंक के चक्कर काटना पड़ रहे है। इससे रोजाना ही किसानों की भारी भीड़ लग रही है।
समर्थन मूल्य खरीदी केन्द्रों पर बेची गई उपज विभाग द्वारा किसानों के जिला सहकारी बैंक खातों में भुगतान किया जा रहा है, भुगतान की राशि खाते में आते ही किसान रुपए निकालने के लिए सहकारी बैंक पहुंचने लगे है, लेकिन ऐसे में उन्हीें जरूरत मुताबिक नगदी न मिलने से किसान परेशान हैं। सोमवार को सुबह ९ बजे ही सहकारी बैंक के बाहर किसानों की भीड़ लग गई और बैंक ११ बजे खुला तब तक किसानों की लंबी भीड़ लग गई थी। दोपहर में बैंक के बाहर इंतजार में खड़े रहे, वहीं बैँक के भीतर भी भीड़ रही। बाद में लाखो की जरूरत वाले किसानों को बैंक ने सिर्फ २५ हजार रुपए ही दिए। इससे किसानों को कम राशि के साथ ही वापस लौटना पड़ा। बैंक में इसी तरह से किसान परेशान हो रहे हैं। यह एक दिन की बात नहीं बल्कि डेढ़ से दो माह तक यही सिलसिला चलता आ रहा है। इधर किसान पूरे साल भर कड़ी मेहनत कर अपना धान की फसल उगाते है। उसमें दिन रात लगे रहते है। इसके बाद धान बेचने के बाद भी अब अपनी कमाई का पैसा पाने के लिए भी बैंको में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। भीषण गर्मी पिछले दो माह से किसान लाइन लगाकर अपना गाढ़ी कमाई के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।

लाख रुपए की जरूरत वह चार दिन में निकाल पा रहा
किसानों का कहना है कि शादियों का सीजन होने और साहूकारों व अन्य बैंको का कर्जा चुकाने के अलावा परिवार के अन्य जरूरी कामों के लिए उन्हें पैसों की जरूरत है। लेकिन बैंक २५ हजार रुपए से ज्यादा नहीं दे रही हैं। यदि किसी किसान को एक लाख रुपए अपने खाते से निकालना है तो उसे चार दिन में २५-२५ हजार रुपए मिल रहे हैं। इससे किसानों को रोजाना ही रुपयों के लिए बैंक के चक्कर काटना पड़ रहे हैं। वहीं जरूरत मुताबिक रुपए खाते से न निकाल पाने से उन्हें परेशान हो ना पड़ रहा हैं।

रोज दो-तीन करोड़ की जरूरत लेकिन ५० से ६० लाख भी नहीं मिल रहे
शहर के सहकारी बैंक शाखा को रोजाना दो-तीन करोड़ रुपए नगदी की जरूरत पड़ती है, लेकिन एसबीआई से बैंक से रोज ५० से ६० रुपए भी नहीं मिल रहे हैं। बैंक अधिकारियों का कहना है कि इसी वजह से वह किसानों को पूरी रकम एक साथ नहीं निकाल पा रहे है और रोजाना ५० से ६० किसानों ही राशि निकाल पाते है। किसानों का कहना है कि कई बार बैंक में नगदी खत्म हो जाने से कई किसानों को खाली हाथ ही वापस लौटना पड़ता है, जबकि उनके खातो में लाखो रुपए जमा है।

दूसरी बैंक के खातों में कर रहे ट्रांसफर
नगदी की कमी और किसानों की समस्या को देखते हुए अब बैंक द्वारा किसानों के दूसरी बैंको के खातो में राशि को एनईएफटी के माध्यम से ट्रांसफर किया जा रहा है। ताकि किसान अन्य बैंको से राशि निकाल सके। समर्थन मूल्य खरीदी के भुगतान का अब तक सहकारी बैंक किसानों को करीब ८० से ९० करोड़ दे चुकी है। इसमें ४० करोड़ रुपए ही नगद दिया जा चुका है और ४०-५० करोड़ किसानों के अन्य बैंको के खातों में ट्रांसफर किए गए है। इससे कि किसानों को अन्य बैंको से नगदी मिल सके।

क्या कहते है किसान
धाराशिव के किसान नरेन्द्र सिंह राठौर ने बताया कि पैसो की जरूरत के चलते सुबह से ही भीड़ ल जाती है और धुप में इंतजार करने के बाद भी २५ हजार रुपए से ज्यादा नहीं मिल रहे हैं। इससे किसानों को अपने ही खातों से पैसे निकालने रोज परेशान होना पड़ रहा है। इसी तरह मुनुंद के किसाना शोभा कश्यप ने बताया कि लाखो रुपए जरूरत वाले किसानों को कई दिन रोज २५-२५ रुपए लेने बैंक आना पड़ रहा है। वहीं जिन किसानों के दूसरी बैंकों में भी खाते है, उनके खाते की राशि को बैंक द्वारा दूसरी बैंक के खातो में ट्रांसफर किया जा रहा है।

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