scriptरेग्युलर डॉक्टरों के हड़ताल से बिगड़ी व्यवस्था, भटके मरीज | The system deteriorated due to the strike of regular doctors | Patrika News

रेग्युलर डॉक्टरों के हड़ताल से बिगड़ी व्यवस्था, भटके मरीज

locationजांजगीर चंपाPublished: Jan 18, 2020 06:04:40 pm

Submitted by:

Deepak Gupta

जिला अस्पताल में वैकल्पिक व्यवस्था के बाद भी मरीज होते रहे हलाकान

रेग्युलर डॉक्टरों के हड़ताल से बिगड़ी व्यवस्था, भटके मरीज

रेग्युलर डॉक्टरों के हड़ताल से बिगड़ी व्यवस्था, भटके मरीज

जांजगीर-चांपा. नोनबिर्रा का रहने वाला योगेन्द्र प्रजापति शनिवार को दोपहर साढ़े 12 बजे जिला अस्पताल पहुंचा था। उसके कमर के निचले हिस्से में हड्डी में काफी दर्द था मगर ओपीडी में हड्डी रोग विशेषज्ञ कक्ष खाली पड़ा था। क्योंकि दो डॉक्टर जहां हड़ताल पर थे। वहीं एक डॉक्टर किसी कार्य से रायपुर गए थे। ऐसे में हड्डी वाले डॉक्टर को दिखाने की बात कहकर वह इलाज कराने उसे वापस लौटना पड़ा।

शनिवार को ऐसे ही यहां आए कई मरीजों को भटकना पड़ा, क्योंकि यहां पदस्थ सभी रेग्युलर डॉक्टर शनिवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। हालांकि डीएमएफ के 8 डॉक्टरों के अलावा आयुर्वेदिक डॉक्टरों को यहां रखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था बनाने हुए ओपीडी और आईपीडी का संचालन किया जा रहा है मगर यह व्यवस्था भी पूरी तरह से मरीजों को राहत नहीं दे पा रही। संबंधित रोग के डॉक्टर्स नहीं होने से मरीजों को भटकना ही पड़ा। दरअसल, जब से ओपीडी का संचालन दोनों समय यानी सुबह और शाम को करने का आदेश जारी हुआ है तब भी डॉक्टर्स एसोसिएशन इसके विरोध में है। इसके चलते शुरूआत में तो रेग्लुयर डॉक्टरों ने शाम की ओपीडी में नहीं बैठ रहे थे। फिर बाद में सुबह की ओपीडी का भी बहिष्कार कर दिया और शनिवार से पूरी तरह से ड्यूटी बंद कर हड़ताल पर चले गए हैं। इससे जिले के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था बिगड़ रही है। अगर जल्द ही डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म नहीं की तो आगे मरीजों की परेशानी और बढ़ सकती है।

मेडिकल बोर्ड के दिन बढ़ेगी और दिक्कतें
शनिवार का दिन होने से अन्य दिनों की तुलना में वैसे ही जिला अस्पताल की ओपीडी में भीड़ कम रही। यहां डीएमएफ के अलावा आयुर्वेद के डॉक्टर इलाज करते दिखे। मगर रेग्युलर डॉक्टरों की कमी से मरीजों को परेशानी भी हुई। कुछ लोग मेडिकल सर्टिफिकेट भी बनवाने पहुंचे थे। उनके द्वारा सिविल सर्जन से मुलाकात भी की गई जिस पर उन्होंने साफ तौर पर कहा भी कि डॉक्टर्स अभी हड़ताल पर हैं। उनके आने पर ही मेडिकल सर्टिफिकेट बनेंगे। उल्लेखनीय है कि हर मंगलवार और शुक्रवार को यहां मेडिकल बोर्ड लगता है। ऐसे में अगर मंगलवार तक डॉक्टरों की हड़ताल चलती रही तो स्थिति और बिगड़ सकती है।

इन मांगों को लेकर संघ हड़ताल पर
छत्तीसगढ़ इन सर्विस डॉक्टर्स एसोसिएशन (सीडी) एक जनवरी से ही शाम की ओपीडीन किए जाने का विरोध करता चला आ रहा है। इसी तरह अभी तक ठीक तरह से स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ ही जिला अस्पताल में शाम की ओपीडी का संचालन बेहतर तरीके से नहीं हो रहा है। संघ की मांग है कि सरकार पहले प्रदेश में चिकित्सकों के पदों को भरकर कमी को पूरा करे। शाम की ओपीडी कराने के फैसले से पहले एनपीए दे, डॉक्टरों के प्रोवेशन पीरियड को समाप्त करें, नवीन तैनाती वाले लोगों को स्थायीकरण तत्काल करें। संघ के मुताबिक, जिस तरह सरकार काम करवाना चाह रही है इस तरह डॉक्टरों को १० से १२ घंटे तक लगातार काम करना पड़ेगा।

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