मेडिकल बोर्ड के दिन बढ़ेगी और दिक्कतें
शनिवार का दिन होने से अन्य दिनों की तुलना में वैसे ही जिला अस्पताल की ओपीडी में भीड़ कम रही। यहां डीएमएफ के अलावा आयुर्वेद के डॉक्टर इलाज करते दिखे। मगर रेग्युलर डॉक्टरों की कमी से मरीजों को परेशानी भी हुई। कुछ लोग मेडिकल सर्टिफिकेट भी बनवाने पहुंचे थे। उनके द्वारा सिविल सर्जन से मुलाकात भी की गई जिस पर उन्होंने साफ तौर पर कहा भी कि डॉक्टर्स अभी हड़ताल पर हैं। उनके आने पर ही मेडिकल सर्टिफिकेट बनेंगे। उल्लेखनीय है कि हर मंगलवार और शुक्रवार को यहां मेडिकल बोर्ड लगता है। ऐसे में अगर मंगलवार तक डॉक्टरों की हड़ताल चलती रही तो स्थिति और बिगड़ सकती है।
इन मांगों को लेकर संघ हड़ताल पर
छत्तीसगढ़ इन सर्विस डॉक्टर्स एसोसिएशन (सीडी) एक जनवरी से ही शाम की ओपीडीन किए जाने का विरोध करता चला आ रहा है। इसी तरह अभी तक ठीक तरह से स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ ही जिला अस्पताल में शाम की ओपीडी का संचालन बेहतर तरीके से नहीं हो रहा है। संघ की मांग है कि सरकार पहले प्रदेश में चिकित्सकों के पदों को भरकर कमी को पूरा करे। शाम की ओपीडी कराने के फैसले से पहले एनपीए दे, डॉक्टरों के प्रोवेशन पीरियड को समाप्त करें, नवीन तैनाती वाले लोगों को स्थायीकरण तत्काल करें। संघ के मुताबिक, जिस तरह सरकार काम करवाना चाह रही है इस तरह डॉक्टरों को १० से १२ घंटे तक लगातार काम करना पड़ेगा।