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आठवी पास आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से करा रहे बीएलओ का काम, गलती हुई तो कर दिया सस्पेंड

locationजांजगीर चंपाPublished: Oct 06, 2018 07:17:03 pm

Submitted by:

Shiv Singh

बिना जांचे परखे नाम जोड़ व काट रहे

बिना जांचे परखे नाम जोड़ व काट रहे

बिना जांचे परखे नाम जोड़ व काट रहे

जांजगीर-चांपा. शीर्ष स्तर पर बैठे प्रशासनिक अफसर प्रशासनिक काम काज में किस कदर भर्राशाही करते हैं इसका जीता जागता उदाहरण इन दिनों बीएलओ नियुक्ति को लेकर देखा जा सकता है।

इन दिनों मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य के लिएअफसर पढ़े लिखे कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने के बजाए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को लगा दिया है। भला आठवीं पढ़ी लिखी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इस काम को किस तरह कर रहीं है इसका जीता जागता उदाहरण तब सामने आया जब एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा इस कार्य में व्यापक गड़बड़ी की गई। इसके कारण उसे अपने पद से हाथ धोना पड़ गया। गौरतलब है कि विधानसभा क्षेत्र ३४ के भाग संख्या ८३ में दर्ज मतदाता पवन कुमार पिता लखेश्वर पालीवाल, अजय थवाइत पिता रामकुमार थवाइत,
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करमा तिवारी पति रामहंस तिवारी, संजय कुमार थवाइत पिता रामलाल थवाइत, विजय सोनी पिता एसपी सोनी मनीश अग्रवाल पिता सजन कुमार अग्रवाल सहित अन्य कई मतदाताओं का नाम मतदाता सूची से अचानक विलोपित हो गया। उक्त त्रुटि मतदाता के सरल क्रमांक में बीएलओ प्रियंका यादव से हुई है।
जो कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है। उसके द्वारा गलत कार्य करने के कारण मतदाताओं का नाम विलोपित हो गया। इस दौरान मतदाताओं ने अपना नाम मतदाता सूची में न पाकर घबरा गए और निर्वाचन शाखा के अधिकारियों से संपर्क कर उन्होंने पुन: अपना नाम मतदाता सूची में दर्ज कराई है। इसकी जानकारी मतदाताओं को भी दी गई। इतना ही नहीं इसकी शिकायत निर्वाचन अधिकारियों से की गई तब निर्वाचन अधिकारियों ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की लापरवाही मानते हुए उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।


यह है तकनीकि पेंच
जानकारों के मुताबिक किसी भी मतदाता सूची का नाम यदि विलोपित करना रहता है कि तब फार्म इ का इस्तेमाल किया जाता है। नाम सूची से काटने से पहले ई फार्म में पर्याप्त कारण दर्शाना पड़ता है। मृत मतदाताओं के लिए उसका डेथ सर्टिफिकेट जमा करना होता है। लेकिन बीएलओ ने भर्राशाही करते हुए मनमाने तरीके से कई लोगों का नाम काट दिया है। इससे साफ जाहिर होता है मतदाता सूची जैसे गंभीर काम के लिए ऐसे कर्मचारियों की ड्यूटी लेना लापरवाही के श्रेणी में आता है।

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