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जनऔषधि केंद्रों में भी दवाओं का टोटा

locationजांजगीर चंपाPublished: Jul 03, 2022 06:44:57 pm

Submitted by:

Anand Namdeo

जिले के सरकारी अस्पतालों में खोले गए जनऔषधि केंद्रों में मिलने वाले दवाईयों की लिस्ट की लंबी चौड़ी है लेकिन विडंबना है कि लिस्ट की आधी से ज्यादा दवाईयां यहां नहीं मिल पाती।

जनऔषधि केंद्रों में भी दवाओं का टोटा

जनऔषधि केंद्रों में भी दवाओं का टोटा

जांजगीर-चांपा. जनऔषधि केंद्रों में लिस्ट में करीब 600 प्रकार की जेनेरिक दवा शामिल है पर जिले के जनऔषधि केंद्रों में इनमें से आधी जरूरी दवाएं उपलब्ध नहीं है। दवाओं की डिमांड नहीं होने का हवाला देकर केंद्र में वहीं दवा मंगाए जाते हैं जो बिक रहे हैं। ऐसे में महज दो-ढाई सौ प्रकार की दवाएं ही मरीजों को मिल पा रही है।
सभी प्रकार की ब्रांडेड दवाएं कम कीमत में उपलब्ध कराने यह केंद्र खोले गए हैं। जिला अस्पताल समेत जिले के लगभग सभी जन औषधि केंद्रों का यही हाल है। सभी दवाएं नहीं रहने के पीछे वजह सभी प्रकार की दवाओं की बिक्री नहीं होना बताया जा रहा है। केंद्र में वहीं दवाएं मिलती है जो नियमित रूप से बिकती है यानी शुगर, बीपी, सर्दी-खांसी बुखार की दवाएं । मरीजों की परवाह किए बगैर अस्पताल प्रबंधन अपना नुकसान देख रहा है। ऐसे में बाकी प्रकार के दवाओं के लिए ब्रांडेड कंपनी के खरीदने मजबूरी बनी हुई हैं जो जन औषधि केंद्रों में आधे से कम रेट में मिल जाती।
डॉक्टर भी नहीं लिखते जेनेरिक दवा
सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों को केवल जेनेरिक दवा ही लिखना है। इसीलिए सभी सरकारी अस्पतालों में जनऔषधि केंद्र में खोले गए हैं लेकिन जेनेरिक दवाओं के अलावा अब भी डॉक्टर ब्रांडेड दवा लिख देते हैं जिससे जन औषधि केंद्रों में डिमांड घटती जा रही है।
नफा नुकसान देखा जा रहा
जन औषधि केंद्र का संचालन मरीजों को नहीं प्रबंधन नफा नुकसान देखकर कर रहे हंै । जिन दवा की डिमांड कम है वो दवा सालों से नहीं मंगा ही नहीं रहे। वही दवा मिल रही है जो आसानी से बिक जा रही है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि दवा नहीं बिकी तो खराब हो जाएगी जिससे नुकसान उठाना होगा।
अवकाश के दिन तो ताला भी नहीं खुलता
प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र जब खोले गए थे तब अस्पताल प्रबंधन का कहना था कि इसका संचालन २४ घंटे होगा लेकिन यह केवल दावा ही साबित हुआ। स्थिति यह है कि अवकाश के दिन तो केंद्रों का ताला ही नहीं खुलता। वहीं कार्यालयीन दिवस पर भी ओपीडी टाइम तक ही जनऔषधि केंद्रों की खिड़की मरीजों के लिए खुली रहती है। शाम की ओपीडी खत्म होते ही यहां भी ताला लग जाता है।
वर्जन
सभी जनऔषधि केंद्रों में सभी प्रकार की जनेरिक दवाईयां रखी जाती है। मरीजों को इसका लाभ मिल रहा है। कई बार समय पर दवाएं सप्लाई नहीं होने से जरुर कुछ दवाईयां नहीं मिल पाती होंगी। सभी डॉक्टरों को जनेरिक दवाईयां ही लिखने निर्देशित किए हैं।
डॉ. आरके सिंह, सीएमएचओ

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