scriptThere was a label of rail ban, Congressman did not even reach the plat | रेल रोकने का था ऐलान, प्लेटफार्म तक भी नहीं पहुंच पाए कांग्रेसी | Patrika News

रेल रोकने का था ऐलान, प्लेटफार्म तक भी नहीं पहुंच पाए कांग्रेसी

locationजांजगीर चंपाPublished: Sep 13, 2023 09:47:06 pm

Submitted by:

Ashish Tiwari

कांग्रेसियों ने रेल रोका आंदोलन का ऐलान किया था। इसके लिए सप्ताह भर पहले से बड़े तामझाम के साथ रेल रोको आंदोलन का प्रचार-प्रसार किया गया। लेकिन रेल रोकना तो दूर प्लेटफार्म तक भी कोई कांग्रेसी नहीं पाए। मुट्ठी भर कांग्रेसियों को पुलिस व आरपीएफ की टीम ने स्टेशन के बाहर ही आसानी से रोक दिया।

रेल रोकने का था ऐलान, प्लेटफार्म तक भी नहीं पहुंच पाए कांग्रेसी
रेल रोकने का था ऐलान, प्लेटफार्म तक भी नहीं पहुंच पाए कांग्रेसी
थोड़ा सा पुलिस के साथ झूमाझटकी की औपचारिकता निभाई गई। इसके बाद हार मानकर सभी कांग्रेसी बैरंग लौट आए। इसलिए कांग्रेसियों का जिला मुख्यालय में रेल रोको आंदोलन पूरी तरह से विफल नजर आई।
प्रदेश भर में यात्री टे्रनों के संचालन में हो रही देरी, ट्रेनों को लगातार रद्द किए जाने व रेलवे को खत्म करने की साजिश के विरोध में कांग्रेसियों ने बुधवार को रेल रोको आंदोलन किया। सुबह ११ बजे कांग्रेस कार्यकर्ता रेलवे स्टेशन जांजगीर-नैला के सामने पहुंचे। जहां सभा का आयोजन किया गया। सभा को सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने संबोधित किया। प्रदेश कांग्रेस सचिव रवि पांडेय ने कहा कि रेलवे की ओर से जब चाहे ट्रेनों को रद्द कर दिया जा रहा है। इसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। जनता के साथ कांग्रेस है, जब तक व्यवस्था पटरी पर नहीं आती है। तब तक इसी तरह का आंदोलन करते रहेंगे। कार्यक्रम को संबोधित करते करने के लिए पहले से ऐलान के मद्देनजर कांग्रेसी रेल रोकने के लिए स्टेशन की ओर रूख किए। पहले तो पुलिस व आरपीएफट की टीम एक सामान्य रस्सी से सभी कांग्रेसियों को रोक दिए। इस रस्सी को कोई कांग्रेसी पार नहीं कर सके। इसके बाद कुछ कांग्रेसी आगे बढ़े तो उनको मुख्य गेट के पास फिर रोक दिया गया। यहां पर कांग्रेसियों व पुलिस के बीच झूमाझटकी हुई। झूमाझटकी के बाद कुछ कांग्रेसी अंदर घुस गए। लेकिन उनको फिर वरिष्ठ कांग्रेसियों द्वारा वापस बुला लिया गया। अगर वे चाहते तो आगे पटरी के पास जाकर अपने ऐलान के अनुसार रेल के सामने जाकर रोकते हुए आंदोलन कर सकते थे। लेकिन कांग्रेसियों को केवल औपचारिकता ही करना था। इसलिए बिना ज्यादा कुछ किए ही बैरंग लौट आए। कांग्रेसियों के आंदोलन को देखकर लगा ही नहीं कि वे लोग रेल रोकने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। स्टेशन के बाहर सभा को संबोधित करते हुए केन्द्र सरकार ्रव प्रधानमंत्री के खिलाफ नारेबाजी किया गया। रेल रोको आंदोलन पूरी तरह से विफल रही। जबकि बिलासपुर व दुर्ग में कांग्रेसियों ने पटरी में बैठकर ट्रेन रोकने में सफल रही। इधर जिले के कांग्रेसी केवल फोटो सेशन कराकर स्टेशन के बाहर से ही बैरंग लौट गए। इस दौरान पुलिस व आरपीएफ की टीम बड़ी संख्या में मौजूद रही। एएसपी अर्चना झा पूरे समय तक तैनात रही और कांग्रेसियों के रेल रोको आंदोलन को सफल होने नहीं दिया।
७५ कांग्रेसी गिरफ्तार और रिहा, बनाया गया अस्थाई जेल
रेल रोको आंदोलन में पुलिस ने प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कांग्रेसियों पर की। इसके तहत एआईसीसी सदस्य मंजू सिंह, प्रदेश सचिव रवि पांडेय, शहर अध्यक्ष सतीष शर्मा, विवेक सिंह सिसोदिया, राघवेन्द्र सहित करीब ७५ कांग्रेसियों को गिरफ्तार किया गया। इसके लिए रेलवे स्टेशन के सामने को अस्थाई जेल बनाया गया। इसके बाद सभी कांग्रेसियों को रिहा कर दिया।
दावेदारी में फौज, आंदोलन में नहीं दिखती भीड़
एक ओर विधानसभा चुनाव में दावेदारी के लिए कांग्रेसियों की फौज नजर आती है। एक विधानससभा से ५० से ६० लोग दावेदारी करते है। लेकिन जब आम जनता की बात आती है व इसके लिए आंदोलन व धरना प्रदर्शन करने की बात आती है तो कांग्रेस के बड़े नेता व कार्यकर्ता नजर ही नहीं आते हैं। यहां कांग्रेसियों में गुटबाजी है। बुधवार के रेल रोको आंदोलन में एनएसयूआई, युकां सहित जिले के वरिष्ठ व दिग्गज नेता गायब रहे। पांडाल में महज ३० से ३५ कार्यकर्ता ही नजर आए। बाद में गिरफ्तारी के समय आसपास मौजूद लोगों का भी नाम दर्ज करा दिया गया।
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