scriptचिलचिलाती धूप में क्वारेंटाइन सेंटर के सामने पंजीयन कर दिन-रात पालियों में काम कर रहे ये कोरोना फाइटर्स | These Corona fighters working in front of Quarantine in the scorching | Patrika News

चिलचिलाती धूप में क्वारेंटाइन सेंटर के सामने पंजीयन कर दिन-रात पालियों में काम कर रहे ये कोरोना फाइटर्स

locationजांजगीर चंपाPublished: May 23, 2020 05:14:34 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

Corona Fighters: आज पूरा देश एकजुट होकर कोरोना की लड़ाई लड़ रहा है। देश के लिए अपना योगदान दे रहा है, वहीं संकट की इस घड़ी में शिक्षक भी अपनी ड्यूटी पूरी निष्ठा के साथ कर रहे हैं।

चिलचिलाती धूप में क्वारेंटाइन सेंटर के सामने पंजीयन कर दिन-रात पालियों में काम कर रहे ये कोरोना फाइटर्स

चिलचिलाती धूप में क्वारेंटाइन सेंटर के सामने पंजीयन कर दिन-रात पालियों में काम कर रहे ये कोरोना फाइटर्स

जांजगीर चाम्पा . कोरोना से लडऩे को लेकर डाक्टर, पुलिस, सफाई कर्मी सभी की चर्चा व सम्मान कोरोना योद्धा के रूप मे किया जा रहा है, लेकिन इन सबके बीच अपनी जान हथेली मे रखकर एक और योध्दा कोरोना से लड़ाई लड़ रहा है वह है शिक्षक। इनके पास ना तो पचास लाख का बीमा कवर है न ही संक्रमण से बचाव के लिए पीपीटी किट, सैनेटाइजर और ना ही मास्क। इसके बाद भी तपती धूप में क्वारन्टाइन सेंटर के सामने पंजीयन कर दिन रात पालियो में अपनी ड्यूटी कर रहे हैं।
ऐसे से ही दो शिक्षक पत्रिका को क्वारन्टाइन सेंटर के ग्राउण्ड रिपोर्ट मे देखने को मिले जिनको पंचायत ने न बैठने की जगह दी है और ना ही झुलसते गर्मी से बचने को कोइ छत ही मुहैया कराया है। शाउमाशाला तागा के ये दो शिक्षक नन्द लाल साहू शिक्षक एलबी तागा और बसंत मरकाम व्याख्याता एलबी तागा में पदस्थ है, जो प्रति दिन सुबह से रात तक तागा क्वारन्टाइन सेंटर के सामने पेड़ की छांव के नीचे बैठकर क्वारन्टाइन सेंटर में आने वाले मजदूरो का पंजीयन करते हैं।
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इस संबंध मे उनकी ड्यूटी के बारे मे पूछने पर तागा के शिक्षक नन्दलाल साहू का कहना है की कोरोना संक्रमण से लड़ाई लडऩे आज पूरा देश एकजुट होकर लड़ाई लड़ रहा है व देश के लिए अपना योगदान दे रहा है ऐसी संकट की स्थिति में हम शिक्षक भी अपनी ड्यूटी पूरी निष्ठा के साथ कर रहे हैं।
शासन-प्रशासन को हमारे बारे मे भी सहानुभूति पूर्वक विचार कर संक्रमण से बचाव के लिए सुरक्षा के पर्याप्त साधन देने के निर्देश के साथ ही बैठने व कार्य करने के लिए पास ही के भवन देने पर विचार करना चाहिए साथ ही स्वास्थ्य कर्मी व पुलिस कर्मी की तरह पचास लाख के बीमा का लाभ भी शिक्षकों को मिलना चाहिए।
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तिलई संकुल के सहायक नोडल अधिकारी अनुभव तिवारी ने बताया की संकुल तिलई के अन्तर्गत सात क्वारन्टाइन सेंटर बने हुए हैं जिनमे पांच सेंटरों में प्रवासी मजदूरों को रखा गया है और पूरे निष्ठा से संकुल के शिक्षक अपनी ड्यूटी का निर्वहन कर रहे हैं। पोस्ट मैट्रिक तिलई मे उच्च वर्ग शिक्षक जीवन यादव व गीता कौशिक दिन-रात अपनी सेवा दे रहे हैं। दोनो तिलई के स्थानीय शिक्षक होने के नाते तन-मन से प्रवासी मजदूरों की सेवा में लगे हुए हैं। अजय सूर्यवंशी व सुरेश साहू वाहन प्रभारी के रूप मे चाम्पा रेल्वे स्टेशन से श्रमिकों को क्वारन्टाइन सेंटरो तक लाने का काम कर रहे हैं। ओपी मान्सल, धन सिंह, जगत पौना क्वारन्टाइन में सेवा दे रहे हैं।
वरिष्ठ व्याख्याता मनहरण आडिल तिलई हाइस्कूल मे राजेश मरावी, रामकुमार कश्यप, अरविन्द यादव, शिवनन्दन सूर्यवंशी, क्रमश: तागा प्राथमिक व गढोला में अपनी सेवा दे रहे हैं। शासन प्रशासन से मांग है शिक्षको के लिए भी बीमा योजना का लाभ दिया जाना चाहिए।

सहायक नोडल के रूप में पांच से छह पंचायत देख रहे हैं शैक्षिक समन्वयक
सभी संकुल समन्वयकों को पूरे जिले में सहायक नोडल के रूप में क्वारन्टाइन सेंटरों का प्रभारी बनाया गया है, जहां से ये सरपंच सचिव के साथ समन्वय करके क्वारन्टाइन प्रवासी मजदूरों को सेंटरो में व्यवस्थित करने से लेकर उनके खान-पान सहित विभिन्न परेशानीयों का निराकरण कर पूरे संकुल परिक्षेत्र का भ्रमण कर मानिटरिंग करने का काम कर रहे हैं।

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