ऐसे से ही दो शिक्षक पत्रिका को क्वारन्टाइन सेंटर के ग्राउण्ड रिपोर्ट मे देखने को मिले जिनको पंचायत ने न बैठने की जगह दी है और ना ही झुलसते गर्मी से बचने को कोइ छत ही मुहैया कराया है। शाउमाशाला तागा के ये दो शिक्षक नन्द लाल साहू शिक्षक एलबी तागा और बसंत मरकाम व्याख्याता एलबी तागा में पदस्थ है, जो प्रति दिन सुबह से रात तक तागा क्वारन्टाइन सेंटर के सामने पेड़ की छांव के नीचे बैठकर क्वारन्टाइन सेंटर में आने वाले मजदूरो का पंजीयन करते हैं।
पहले बास्केटबॉल में लोहा मनवाया, अब कोरोना को मात देने मास्क बांटकर सुर्खियों में है दिव्यांग अनिता इस संबंध मे उनकी ड्यूटी के बारे मे पूछने पर तागा के शिक्षक नन्दलाल साहू का कहना है की कोरोना संक्रमण से लड़ाई लडऩे आज पूरा देश एकजुट होकर लड़ाई लड़ रहा है व देश के लिए अपना योगदान दे रहा है ऐसी संकट की स्थिति में हम शिक्षक भी अपनी ड्यूटी पूरी निष्ठा के साथ कर रहे हैं।
शासन-प्रशासन को हमारे बारे मे भी सहानुभूति पूर्वक विचार कर संक्रमण से बचाव के लिए सुरक्षा के पर्याप्त साधन देने के निर्देश के साथ ही बैठने व कार्य करने के लिए पास ही के भवन देने पर विचार करना चाहिए साथ ही स्वास्थ्य कर्मी व पुलिस कर्मी की तरह पचास लाख के बीमा का लाभ भी शिक्षकों को मिलना चाहिए।
जिले के लिए मिसाल बनी ये तीन लेडी कोरोना फाइटर्स, कोई सास-ससुर तो कोई बाई के भरोसे कलेजे के टुकड़े को छोड़कर निभा रहीं कर्तव्य तिलई संकुल के सहायक नोडल अधिकारी अनुभव तिवारी ने बताया की संकुल तिलई के अन्तर्गत सात क्वारन्टाइन सेंटर बने हुए हैं जिनमे पांच सेंटरों में प्रवासी मजदूरों को रखा गया है और पूरे निष्ठा से संकुल के शिक्षक अपनी ड्यूटी का निर्वहन कर रहे हैं। पोस्ट मैट्रिक तिलई मे उच्च वर्ग शिक्षक जीवन यादव व गीता कौशिक दिन-रात अपनी सेवा दे रहे हैं। दोनो तिलई के स्थानीय शिक्षक होने के नाते तन-मन से प्रवासी मजदूरों की सेवा में लगे हुए हैं। अजय सूर्यवंशी व सुरेश साहू वाहन प्रभारी के रूप मे चाम्पा रेल्वे स्टेशन से श्रमिकों को क्वारन्टाइन सेंटरो तक लाने का काम कर रहे हैं। ओपी मान्सल, धन सिंह, जगत पौना क्वारन्टाइन में सेवा दे रहे हैं।
वरिष्ठ व्याख्याता मनहरण आडिल तिलई हाइस्कूल मे राजेश मरावी, रामकुमार कश्यप, अरविन्द यादव, शिवनन्दन सूर्यवंशी, क्रमश: तागा प्राथमिक व गढोला में अपनी सेवा दे रहे हैं। शासन प्रशासन से मांग है शिक्षको के लिए भी बीमा योजना का लाभ दिया जाना चाहिए।
सहायक नोडल के रूप में पांच से छह पंचायत देख रहे हैं शैक्षिक समन्वयक
सभी संकुल समन्वयकों को पूरे जिले में सहायक नोडल के रूप में क्वारन्टाइन सेंटरों का प्रभारी बनाया गया है, जहां से ये सरपंच सचिव के साथ समन्वय करके क्वारन्टाइन प्रवासी मजदूरों को सेंटरो में व्यवस्थित करने से लेकर उनके खान-पान सहित विभिन्न परेशानीयों का निराकरण कर पूरे संकुल परिक्षेत्र का भ्रमण कर मानिटरिंग करने का काम कर रहे हैं।