इन नियमों को तोडऩे पर चालान पहुंचता है घर
कई तरह के ऑटोमेटिक फंक्शन है जिसमें नियम तोडऩे वालों के खिलाफ खुद ब खुद कार्रवाई हो जाती थी। जिसमें चालान होकर सीधे उनके घर पहुंचता था मगर यह नियम भी कुछ दिन ही चला, इसके बाद कैमरे ही बंद पडऩे से यह सिस्टम भी ठप पड़ गया है।
वारदात हुआ तक फुटेज तक नहीं मिलेंगे पुलिस को
लगाए गए कैमरों का मुख्य उद्देश्य अपराध को सुलझाने में मदद के लिए था। जिससे कि अपराध करने के बाद आरोपियों के वाहन को ट्रेस करने में पुलिस को मदद मिल सके। इस योजना की शुरुआत जोर-शोर से हुई थी। लेकिन मेंटेनेंस के अभाव में अब यह भी फ्लॉप साबित होने जा रहा है। वर्तमान में अगर कोई वारदात हो जाती है कि पुलिस के पास सुराग के नाम पर कोई फुटेज नहीं होगा।
जिम्मेदार विभाग के अफसर नहीं दे रहे ध्यान
बता दे, इन कैमरों के माध्यम से ट्रैफिक जवान दफ्तर में से भी चौक-चौराहों पर नजर रखते थे। इसके लिए यातायात विभाग के एक कमरे में बड़े टीवी स्क्रीन लगाया गया है और कैमरों के कनेक्शन यहां जुड़े हैं मगर टीवी स्क्रीन भी बंद पड़ी है। दूसरी ओर जिम्मेदार अधिकारी कैमरों को शुरू कराने में बेपरवाह बने हुए हैं। स्थिति तो यह है कि आधे से ज्यादा कैमरे अब खराब हो चुके होंगे।