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इस वर्ष एक नहीं दो बार आएगा जेठ का महीना, जानिए और भी बहुत कुछ

locationजांजगीर चंपाPublished: Apr 22, 2018 12:21:14 pm

Submitted by:

Shiv Singh

इस साल जेठ का महीना दो बार

इस साल जेठ का महीना दो बार

इस साल जेठ का महीना दो बार

जांजगीर-चांपा. हिन्दू पंचांग की तिथियों में घट-बढ़ होने के कारण इस साल जेठ का महीना दो बार पड़ रहा है। इस अतिरिक्त महीने को पुरूषोत्तम मास कहते हैं। इस महीने में पूजा-पाठ के साथ तीर्थयात्रा का विशेष महत्व है। एक मई से 28 जून तक जेठ महीना रहेगा, जिसमें बीच का 30 दिन पुरूषोत्तम मास माना जाएगा।

अंग्रेजी साल 2018 और हिन्दू संवत्सर 2075 में इस बार लगभग 22 सालों बाद हिन्दू पंचांग का जेठ महीना दो बार पड़ रहा है। हिन्दू धर्म शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि जब भी हिन्दू पंचांग का कोई महीना दो बार पड़ता है तो उस महीने को अति पवित्र महीना माना जाता है। इस पवित्र महीने को पुरुषोत्तम मास अथवा मल मास के रूप में पुकारा जाता है। पुरुषोत्तम मास में भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने की महत्ता है।
यह भी मान्यता है कि पुरुषोत्तम मास में तीर्थयात्रा करने से विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इस संबंध में ज्योषिचार्य डॉ. अनिल तिवारी बताते हैं कि जिस तरह अंग्रेजी साल का महीना 30 या 31 दिनों का होता है, उसी तरह हिन्दू संवत्सर के महीनों में तिथियों के घटने-बढऩे के चलते कोई माह 30 दिनों का और कोई माह 28-29 दिनों का होता है।
इस वजह से हर तीसरे साल में लगभग 30 दिनों की बढ़ोतरी होती है। यही कारण है कि तीन साल बाद कोई न कोई माह दो बार मनाया जाता है। जिस साल कोई माह दो बार मनाते हैं, उस माह के पहले पडऩे वाला माह फिर अगले तीन साल बाद मनाया जाता है। तिथियों के घटने-बढऩे के कारण तीन साल पहले 2015 में आषाढ़ माह दो बार मनाया गया था। इस साल 2018 में जेठ महीना मनाया जाएगा। इसके बाद 2021 में बैसाख माह दो बार पड़ेगा।


लुनार में 354 और सोलर कैलेण्डर में 365 दिन
ज्योतिषियों के अनुसार दिनों की गणना दो पद्धतियों से की जाती है। हिन्दू पंचांग में दिनों की गणना लुनार पद्धति से और अंग्रेजी कैलेण्डर में दिनों की गणना सोलर पद्धति से की जाती है। लुनार पद्धति अर्थात हिन्दू पंचांग का चलन भारत के अधिकांश राज्यों में है। हिन्दू पंचांग की गणना में दो पखवाड़े होते हैं।

एक कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष। हिन्दू पंचांग अर्थात लुनार पद्धति के कैलेण्डर में एक माह 29.5 दिन का होता है। कई बार ऐसा संयोग बनता है कि कोई तिथि दो दिन तक मनाई जाती है और किसी दिन दो तिथि एक ही दिन मनाई जाती है। इसके विपरीत सोलर पद्धति अर्थात अंग्रेजी कैलेण्डर में कोई माह 30 या 31 दिन का होता है। लुनार पद्धति के कैलेण्डर में एक साल में 354 दिन पड़ते हैं और सोलर कैलेण्डर में 365 दिन पड़ते हैं। दोनों पद्धतियों के बीच एक साल में 11 दिनों का अंतर आता है। इस तरह तीन साल में एक माह का अंतर आ जाता है और इसीलिए तीन साल में एक बार कोई न कोई माह दो बार पड़ता है। हिन्दू धर्मग्रंथों में इस माह को विशेष महत्व दिया गया है।


एक मई से 28 जून तक है जेठ महीना
एक मई से 28 जून तक जेठ महीना मनाया जाएगा। 1 से 15 मई तक जेठ माह शुरू होने के 15 दिनों बाद 16 मई से लेकर 13 जून तक पुरुषोत्तम मास अर्थात मल मास मनाया जाएगा। इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा, विष्णु सहस्त्रनाम, श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करना अति पुण्यदायी माना गया है और गरीबों व ब्राह्मणों को दान-पुण्य करने से आम दिनों में किए जाने वाले दान से कई गुणा अधिक फल की प्राप्ति होगी। पुरुषोत्तम माह खन्म होने के बाद 14 जून से 28 जून तक फिर साधारण जेठ महीना मनाया जाएगा।

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