64 करोड़ की वसूली की जांच के लिए खनिज चौकियों में बिठा दिया ठेके के अंगूठाछाप कर्मचारी
खनिज विभाग में सभी काम मनमानी राज की तरह चल रहा है। एक ओर विभाग कर्मचारियों का रोना रो रहा है तो वहीं खनिज जांच चौकियों में ऐसे ठेका कर्मचारियों को बिठा दिया है जिसे विभाग का अ ब स द नहीं आता।
जांजगीर चंपा
Published: May 09, 2022 08:41:41 pm
जांजगीर-चांपा। खनिज चौकियों में हर रोज हजारों की तादात में खनिज संपदा ढो रहे ट्रकों में रायल्टी पर्ची की जांच के लिए ऐसे कर्मचारियों की मौजूदगी जरूरी है जो कागजात को परख सके और ओवरलोड या कागजात में खामियां गिनाकर सरकार के नियमों के तहत कार्रवाई कर सके, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। पत्रिका ने सोमवार की दोपहर तीन बजे जब खनिज चौकी चांपा में बेरियर की पड़ताल की तो वहां एक ऐसा व्यक्ति बैठा था जो न तो खनिज विभाग का कर्मचारी है और न ही ठेके का कर्मचारी। उससे पूछने पर बताया कि वह राजेश कुमार साहू है जो खनिज विभाग के कर्मचारी बलराम साहू की जगह काम करने बैठा है। राजेश कुमार का कहना है कि वह तो बीते दसों साल से यहां इसी तरह सेवा दे रहा है। दिलवस्प बात यह है कि उसके जिम्मा तकरीबन ६४ करोड़ की वसूली की जांच का जिम्मा है। क्योंकि खनिज विभाग को खनिज संपदा से सालाना तकरीबन ६४ करोड़ रुपए वसूली करनी होती है।
बिना जांच परखे ही मात्र २० से ३० रुपए में क्लीन चिट
पत्रिका ने पड़ताल के दौरान पाया कि प्रत्येक ट्रक व ट्रेलर चालक अपने वाहनों से उतरकर कागजात लेकर आते हैं और कागजात दिखाकर २० से ३० रुपए देकर निकलते बनते हैं। न तो उसके वाहनों की जांच होती है और न ही उससे पूछताछ की जाती है। राजेश ने बताया कि ट्रकों की जांच नहीं करनी पड़ती। क्योंकि सभी के कागजात अपडेट रहते हैं। क्योंकि सभी चालानी कार्रवाई ऑनलाइन होती है। ट्रक चालकों को खनिज संपदा के परिवहन के लिए ऑनलाइन चालान जमा करना होता है।
पहले भी ऐसा ही कारोबार था पर तीन को कराया बंद
इससे पहले भी जिले में पांच खनिज चौकियां थी। जिसमें तीन को बंद करा दिया गया। जिसमें बलौदा रोड में, चांपा के कोरबा रोड में व एक अन्य। जिसमें अब केवल अकलतरा के बनाहिल व चांपा के बेरियर चौक में ही यह बेरियर चल रहा है। इसमें भी मनमानी राज चल रहा है। यहां भी जैते तैसे कर्मचारियों को बिठाकर कार्रवाई की खानापूर्ति के लिए काम किया जा रहा है।
... तो २०-३० रुपए किस लिए
आपको बता दें कि खनिज विभाग में खनिज संपदा की रायल्टी सहित सारे काम ऑनलाइन हो रहा है। तो खनिज विभाग में बैठा कर्मचारी बिना कागजात चेक किए किस बात के २० से ३० रुपए ले रहा है। या तो यह राशि केवल अधिकारियों के जेब भरने के काम आ रहा है। नहीं हो तो इसकी जरूरत भी नहीं है। केवल यहां बिना रायल्टी पर्ची के वाहनों को रोककर जांच पड़ताल की जरूरत है। जिनके पास कागजात नहीं है उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है।
जिनके पास कागजात नहीं उन पर बड़ी कार्रवाई
खनिज संपदा की अवैध सप्लाई के लिए खनिज विभाग को खनिज चौकियों में कड़ी चेकिंग की जरूरत पड़ती है लेकिन यहां केवल दो नंबर के काम के लिए खनिज बेरियर बना दिया गया है। कई ट्रांसपोर्टरों ने बताया कि यदि आपके पास कागजात नहीं है तो खनिज बैरियर के कर्मचारी को केवल १००-२०० रुपए देकर निकल सकते हो। जबकि नियम में ऐसे वाहन पकड़े जाएं तो ७ से ८ हजार रुपए के फाइन करने का नियम है।
वर्जन
खनिज विभाग में कर्मचारियों की कमी है। इसके कारण कभी कभी ऐसा होता है। यदि विभाग में पर्याप्त कर्मचारी होते तो उन्हें नियमित वहां पर बिठाया जा सकता था और अच्छी जांच पड़ताल की जाती।
-आरके सोनी, सहा. जिला खनिज अधिकारी

64 करोड़ की वसूली की जांच के लिए खनिज चौकियों में बिठा दिया ठेके के अंगूठाछाप कर्मचारी
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