scriptइलाज के नाम पर मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ | Treating patients with life in the name of treatment | Patrika News

इलाज के नाम पर मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़

locationजांजगीर चंपाPublished: Jan 16, 2019 12:36:50 pm

Submitted by:

Shiv Singh

अधिकतर मरीज झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज कराने में ही संतुष्टि

अधिकतर मरीज झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज कराने में ही संतुष्टि

अधिकतर मरीज झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज कराने में ही संतुष्टि

बम्हनीडीह. मौसम बदलते ही संक्रामक बीमारियां धीरे-धीरे अपने पांव पसारना शुरू कर दिया है। इसके चलते झोलाछाप डॉक्टर ग्रामीण क्षेत्रों में अपना जाल फैलाने लगे हैं। अधिकतर मरीज झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज कराने में ही संतुष्टि समझते हैं। दरअसल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों और स्टाफ की कमी और बढ़ती मरीजों की संख्या के कारण लोग बिना डिग्री डिप्लोमा के क्लीनिक संचालित कर रहे हैं। वहीं गरीब मरीज झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराने को मजबूर हो रहे हैं।
झोलाछाप डॉक्टर हर गली-मोहल्ले में अपना क्लीनिक खोल लिए हैं। जहां वह कम पैसों में मरीज का उपचार कर उनके जीवन से खिलवाड़ करने में लगे हैं। लेकिन लंबे समय से सबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कार्रवाई न किए जाने से इनकी संख्या में हर साल इजाफा हो रहा है।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज पर रोक लगाने राज्य शासन को निर्देश दिए थे। उसके बाद भी बम्हनीडीह क्षेत्र में खुलेआम झोलाछाप डॉक्टर्स मरीजों का इलाज कर रहे हैं।
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वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जिससे इनके हौंसले बुलंद हो रहे हैं। स्थिति यह है कि इनके पास कोई डिग्री है न कोई इलाज करने का लाइसेंस है फिर भी वे लोगों का इलाज कर रहे हैं। यह सब स्वास्थ विभाग की अनदेखी एवं निष्क्रियता को सामने लाता है। जब झोलाछाप डॉक्टर्स के इलाज से मरीज के साथ कोई घटना घटित होती है तब शासन प्रसाशन और स्वास्थ विभाग जागता है। उसके बाद एक या दो झोलाछाप डॉक्टरों के क्लीनिकों पर छापा डालकर अपनी जिम्मेंदारी पूर्ण कर ली जाती है। वहीं गांव गांव की गली मोहल्लों में संचालित झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानों पर इन दिनों बिना किसी जांच के मरीजों का इलाज किया जा रहा है।


नियमों को ताक पर रखकर संचालित होता हुआ क्लीनिक
बम्हनीडीह के समीपस्थ ग्राम लखुर्री में एसे ही झोला छाप डॉक्टर अपनी क्लिनिक संचालित कर रहा है और गांव के भोले भाले लोगों के जान से खिलवाड़ कर रहा है। इतना ही नहीं इंजेक्शन लगाने के साथ – साथ झोला छाप डॉक्टर मरीजों को प्रतिबंधित दवा भी देता है। वहीं अधिकारी चुप्पी साधे रहते हैं।


डॉक्टरों पर अधिकारी मेहरबान
शिकायत व खबर प्रकाशित होने के बाद भी कार्यवाही नहीं होने से ये झोला छाप डॉक्टर खुलेआम अपनी दुकानदारी चल रहे हैं। जबकी इन डाक्टरों के इलाज के बाद लोगों की तबीयत और बिगडऩे लगती है और कई बार तो मौत तक हो चुकी है। ऐसे डाक्टरों की सूची स्वास्थ्य विभाग के पास मौजुद है फिर भी कोई कार्यवाही नहीं होना झोला छाप डॉक्टरों और अधिकारीयों के बिच सांठ – गांठ को दर्शाता है।


कई जगहों पर संचालित हो रहे हैं छोटे-बड़े क्लीनिक
बम्हनीडीह सहित आस -पास के गांव जैसे लखुर्री, पोड़ीशंकर, लखाली, मोहगांव, पुछेली, पिपरदा, सोंठी, भंवरेली, झर्रा करनौद, पचोरी, गोविन्दा, तालदेवरी, नक्टीडीह, अफरीद, हथनेवरा, चोरिया, सरवानी जैसे सैकड़ों गावों में झोला छाप डॉक्टर अपनी अवैध क्लीनिक संचालित कर रहे हैं। वहीं क्षेत्र का स्वास्थ्य अमला बेखबर है।

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