मुख्यमंत्री की सभा में दो लोगों ने दी आत्मदाह की चेतावनी, प्रशासन में मचा हड़कंप
सक्ती में होने जा रहे मुख्यमंत्री की सभा में वर्षो से परेशान दो लोगों ने आत्मदाह करने की चेतावनी दी है। इससे प्रशासन में हड़कंप मच गया है। एक को पुलिस पूरे दिन उसके ठिकानों में ढूढ़ती रहती तो दूसरे को समझाइश देने में लगे रहे। बावजूद देर शाम तक प्रशासन व पुलिस को कोई सफलता हाथ नहीं लग सकी थी।
जांजगीर चंपा
Published: March 31, 2022 09:32:10 pm
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिले के सक्ती में विस अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत के पिता स्व. बिसाहू महंत के मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में १ अप्रैल को पहुंच रहे है। मुख्यमंत्री यहां एक सभा को संबोधित भी करेंगे। इस दौरान अचानक प्रशासन में हड़कंप मच गया है। सक्ती विकासखंड के गांव नंदेली के पूर्व सरपंच सुशील धीरही ने कलेक्टर को सौपे ज्ञापन में बताया कि दो साल बाद हितग्राहियों को शौचालय निर्माण की राशि का भुगतान नहीं हुआ है। तत्कालीन सरपंच सुशील ने गांव के ओडीएफ करने उधार में पैसा लेकर मजदूरी भुगतान किया। बावजूद आज तक शौचालय निर्माण का राशि नहीं मिल पाई, अधिकारियों के चक्कर लगाने के बाद भी 8 लाख से अधिक की राशि न मिलने पर तत्कालीन सरपंच ने आत्मदाह की चेतावनी दी है। पूर्व में सक्ति एसडीएम की जांच के बाद जनपद सीईओ ने सरपंच को पूर्व सरपंच की राशि भुगतान करने का आदेश भी दिया था, लेकिन सरपंच ममता उरांव द्वारा राशि जारी करने के बजाय धमकी दी जा रही है, इस पर अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं। पूर्व सरपंच ने कलेक्टोरेट पहुंचकर शौचालय निर्माण की राशि भुगतान नहीं होने पर 1 अप्रैल को आत्मदाह की चेतावनी दी है। इसी तरह मालखरौदा के सिंघरा निवासी महिला उर्मिला चंद्रा ने भी सीएम के कार्यक्रम के दौरान आत्मदाह करने की चेतावनी दी है। कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में बताया कि 12 डिसमिल जमीन मकान बनाने का काम छत लेबलिंग, सैटरिंग सामान के साथ विगत एक वर्ष से जस का तस पड़ा हुआ है। मुझे बिना पक्षकार बनाए तहसील मालखरौदा के न्यायालय में झूठा प्रकरण मंथन लाल चंद्रा द्वारा तहसील मालखरौदा से दायर किया गया था। पटवारी एवं राजस्व निरीक्षक के जांच बाद तहसीलदार मालखरौदा ने प्रकरण को खारिज करते हुए मेरे पक्ष में मकान निर्माण की अनुमति दी गई थी। तब मकान निर्माण किया जा रहा था। इसके बाद तत्कालीन एसडीएम सक्ती ने अपना स्वार्थ सिद्ध करने के ेलिए लखनलाल चंद्रा से मिलीभगत एवं सांठ-गांठकर मकान निर्माण का स्थगन आदेश पारित कर दिया गया। जिसका आज तक निराकरण नहीं होने से मकान निर्माण के लिए रखे कच्चे सामग्री का नुकसान हो रहा है। साथ ही मानसिक एवं आर्थिक परेशानी के साथ बार-बार पेशी में उपस्थित होना पड़ रहा है। इससे परेशान होकर सीएम की सभा में आत्मदाह की चेतावनी दी गई। इससे अब जिला प्रशासन को दोहरा दबाव में है।
पूर्व सरपंच को पूरे दिन ढूढ़ती रही पुलिस
मुख्यमंत्री की सभा में आत्मदाह की चेतावनी की खबर मिलते ही प्रशासनिक गलियारे में खलबली मच गई। सक्ती पुलिस को तत्काल ढूढने के निर्देश दिए गए। इसलिए सक्ती पुलिस पूर्व सरपंच के ठिकानों में दबिश दी। लेकिन उसको कहीं नहीं मिला। पूर्व सरपंच सुशील धीरही फरार हो गया। इसी तरह सिंघरा निवासी महिला को भी समझा देती रही, लेकिन वे भी समाचार लिखे जाने तक मानने को तैयार नहीं है। फिलहाल पुलिस व प्रशासन समझाइश देने में जुटी हुई है।
भ्रष्ट अधिकारियों की वजह से उठाना पड़ा इतना बड़ा कदम
मुख्यमंत्री की सभा में आत्मदाह की चेतावनी देने वाले दोनों लोगों का कहना है कि अगर संबंधित अधिकारी दोनों मामले में ध्यान ही नहीं दिए। अगर अफसर चाहते तो पहले ही हम लोगों का काम हो जाता। लेकिन शौचालय मामले में सरपंच व मकान निर्माण में एसडीएम से सांठगांठ काम आगे बढ़ ही नहीं पाया है।

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