महंगा और रिफिलिंग का प्रतिशत कम होने के कारण छोटा सिलेंडर देने का फैसला किया गया है। केंद्र सरकार ने 18 दिसंबर को उज्ज्वला फेज-2 लॉन्च कर दिया था। राज्य में कांग्रेस की सरकार आते ही राज्य से मिल रहे अनुदान को बंद कर दिया गया था, तब से अब तक उज्ज्वला (Ujjwala) के तहत वितरण बंद है। क्योंकि अब तक केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकार भी एलपीजी (LPG) वितरण में हितग्राही परिवारों को सब्सिडी दे रही थी। शुरू से ही उज्ज्वला योजना किस्त सिस्टम पर आधारित थी, लेकिन भाजपा शासित राज्यों ने यह फैसला किया कि वे केंद्र के सब्सिडी काट लेने के बाद अंतर की राशि सरकारी खजाने से पूरा करेंगे। हितग्राही को मात्र 200 रुपए में एलपीजी कनेक्शन दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ में भी भाजपा सरकार ने ऐसा ही किया।
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14 बिंदु का घोषणा पत्र भरकर देना होगा
जिनके पास गैस कनेक्शन नहीं है, वे पास के वितरक से संपर्क कर सकते हैं और उन्हें उज्ज्वला कनेक्शन दिया जाएगा। सभी इंडेन वितरक गैस कनेक्शन न होने वाले लाभार्थियों से केवाईसी फार्म लेने के लिए गांववार शिविर भी कर रहे हैं। आवेदक को राशन कार्ड और परिवार के सभी वयस्क सदस्य का आधार कार्ड देना होगा जिनकी उम्र 18 वर्ष से अधिक है। इसके अलावा, सरकार द्वारा निर्धारित 14 बिंदु घोषणा प्रारूप को भी भरना होगा।
जिन उपभोक्ताओं ने गैस सिलेंडर पूर्व में लिए हैं, वह उपभोक्ता संबंधित गैस एजेंसी में जहां से उनका कनेक्शन जारी हुआ है वहां 14.2 किलो वाला सिलेंडर जमा कर उसके बदले में 5 किलो वाला सिलेंडर ले सकते हैं। इन छोटे सिलेंडर की सप्लाई घर बैठे उपभोक्ताओं को मिल सकेगी। पेट्रोलियम मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देश पर संबंधित ऑयल कंपनियों ने अपने-अपने एलपीजी (LPG) वितरकों को जारी कर इसका पालन करने कहा है।
कई बार उनके पास रिफील करवाने पैसे नहीं होते जिसके चलते वह लोग गैस सिलेंडर के स्थान पर घर में लकड़ी, कोयला, गोबर का कंडा जैसे परंपरागत साधनों से खाना बनाते है जिससे उनके स्वास्थय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। ऐसे में उन्हें दमा, स्वांस जैसी जटिल बीमारियों से गुजरना पड़ता है इसी सब को ध्यान में रखते हुए पेट्रोलियम मंत्रालय ने सभी गैस कंपनियों को ग्राहक की इच्छा के अनुसार 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर से 5 किलोग्राम के सिलेंडर की अदला-बदली करने का निर्देश दिया है।