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बेमौसम बारिश से भीगा करोड़ों का धान, नजारा देख आप हो जाएंगे हैरान, नुकसान का आंकलन नहीं

locationजांजगीर चंपाPublished: Feb 07, 2020 06:14:15 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

Paddy News : धान को सुरक्षित रखने नहीं किए गए व्यापक उपाय, पानी पडऩे से धान के सडऩे की संभावना बढ़ी

बेमौसम बारिश से भीगा करोड़ों का धान, नजारा देख आप हो जाएंगे हैरान, नुकसान का आंकलन नहीं

बेमौसम बारिश से भीगा करोड़ों का धान, नजारा देख आप हो जाएंगे हैरान, नुकसान का आंकलन नहीं

जांजगीर-चांपा. खरीदी केन्द्रों में रखे करोड़ों रुपए के धान को सुरक्षित रखने के व्यापक इंतजाम नहीं किए गए हैं। इसके कारण बारिश से यहां खरीदे गए धान अंकुरित होने लगे है। कई बोरियां अंकुरित हो गई है। अधिकांश बारदाने सड़ गए हैं और इसमें से धान गिरकर बर्बाद हो रही है। बारिश का पानी पडऩे से धान सडऩे की संभावनाएं बढ़ गई है।
शुक्रवार को पत्रिका ने जिले के खरीदी केन्द्रों का ग्राउंड रिपोर्ट किया। इसमें यह बात सामने आई कि दो दिन मौसम ऐसा रहा तो अफसरों की लापरवाही से करोड़ों का नुकसान तय है। यह बात खरीदी केन्द्र प्रभारी भी कह रहे है। इसमें अफसरों की लापरवाही भी सामने आ रही है। जिला मुख्यालय से लगे खरीदी केन्द्र से उठाव नहीं किया जा रहा है। जबकि यहां अफसर पहुंच भी रहे, लेकिन देखकर भी अंजान बन रहे हैं।
बेमौसम बारिश से भीगा करोड़ों का धान, नजारा देख आप हो जाएंगे हैरान, नुकसान का आंकलन नहीं
जांजगीर जिले के 209 खरीदी केन्द्रों में 27 लाख क्ंिवटल धान जाम पड़ा हुआ है। नियम मुताबिक 72 घंटे में धान का उठाव कर इन्हें संग्रहण केन्द्र भेजवाना है, लेकिन जिला विपणन विभाग के अधिकारी धान के उठाव को लेकर लापरवाही बरत रहे हंै। यही वजह है कि पिछले दिनों हुई बारिश से केन्द्रों में धान भीग चुका है। पत्रिका ने शुक्रवार को जिला मुख्यालय से लगे खरीदी केन्द्र सहित अंतिम छोर के खरीदी केन्द्र का ग्राउंड रिपोर्ट किया। जहां खरीदी केन्द्र की स्थिति देखकर सन्न रह गए। जिला मुख्यालय से लगे गांव खोखरा में धान अंकुरित होने लगे है। यहां स्टेक व भूसा का भी व्यवस्था नहीं किया गया है।
धान को जमीन में रख दिया गया है। इससे धान भीगकर अंकुरित भी हो गए है। इसके अलावा अधिकांश धान को ढंकने के लिए पर्याप्त कैप कवर भी नहीं है। आधे से ज्यादा धान खुले आसमान में पड़ा हुआ है। इसके अलावा यहां धान का उठाव भी नहीं हो रहा है। ऐसा ही नजारा पेंड्री के धान खरीदी का है। यहां भी उठाव की रफ्तार बहुत धीमी है। स्टेक के अभाव में धान अंकुरित होने लगा है। इसके अलावा जैजैपुर, चंद्रपुर बलौदा, पामगढ़ के खरीदी केन्द्र का पड़ताल किया गया है। यहां भी खरीदी केन्द्र में धान अंकुरित होने लगा है। यदि जिले में दो दिन बारिश और हो जाती है तो पूरा धान अंकुरित होने की संभावना है।

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क्षमता से अधिक धान की खरीदी
जिले के धान खरीदी केन्द्रों में बदइंतजामी को लेकर अफसरोंं की लापरवाही खुलकर सामने आ रही है। जिले के 209 खरीदी केन्द्रों में अधिकांश में चबूतरा बना ही नहीं है। मुख्यालय से लगे खोखरा, पेंड्री, मुनुंद, कुटरा सहित अन्य केन्द्रों में न तो स्टेक है और न ही भूसा का व्यवस्था किया गया है। यहां धान को जमीन में रख दिया गया है। बारिश में पानी निकासी के लिए पर्याप्त ड्रेनेज सिस्टम की भी व्यवस्था नहीं की गई है। अधिकांश केन्द्रों में धान रखने की क्षमता 4 से 5 हजार क्ंिवटल तक है। लेकिन वर्तमान में 10 से 12 क्ंिवटल धान रखा हुआ है। यानी क्षमता से दो गुना अधिक।

7 दिन में 13 हजार किसानों का धान खरीदने की चुनौती
चालू सीजन में एक दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू हुई। इस साल जिले में पंजीकृत 1 लाख 73 हजार किसानों से 80 लाख क्ंिवटल धान खरीदी का लक्ष्य है। इसके विपरीत जिले के 209 खरीदी केन्द्र में अब तक 1 लाख 59 हजार किसानों से 73 लाख 45 हजार क्ंिवटल धान की खरीदी हुई है। जो कि लक्ष्य का 90 फीसदी है। अब भी पंजीयन में से 13 हजार किसानों का धान खरीदा जाना बाकी है। इधर बारिश के चलते 4 दिन से खरीदी बंद है। 15 फरवरी तक खरीदी का समय है। यानी अब खरीदी को सिर्फ 7 दिन शेष है। ऐसी में शत-प्रतिशत धान खरीदी मुश्किल लग रहा है।

किसान संघ ने की तारीख बढ़ाने की मांग
पूरा धान न बिक पाने से किसानों में नाराजगी है। भारतीय जनता पार्टी का किसान मोर्चा शुरू से धान खरीदी की अंतिम तिथि बढ़ाने की मांग कर रहा है। मुख्यमंत्री व राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा। शुक्रवार को कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर धान खरीदी की तिथि बढ़ाने की मांग की है।

-बारिश के चलते कई समितियों में खरीदी बंद करना पड़ा। बारिश से कितने का धान खराब हुआ, इसका आंकलन अभी नहीं किया गया है। केंद्रों में जाकर स्थिति का जायजा लिया जा रहा है। सुनील राजपूत, डीएमओ
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