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चुनाव से पहले वोट मांगने आते हैं नेता, फिर भूल जाते हैं गांव का विकास, ग्रामीण करेंगे चुनाव का बहिष्कार

locationजांजगीर चंपाPublished: Dec 31, 2019 05:45:03 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

Panchayat Election: एक हजार की आबादी के बाद भी राजस्व ग्राम घोषित नहीं, गांव में विकास कार्य नहीं होने से हैं उपेक्षा के शिकार ग्रामीण

चुनाव से पहले वोट मांगने आते हैं नेता, फिर भूल जाते हैं गांव का विकास, ग्रामीण करेंगे चुनाव का बहिष्कार

चुनाव से पहले वोट मांगने आते हैं नेता, फिर भूल जाते हैं गांव का विकास, ग्रामीण करेंगे चुनाव का बहिष्कार

जांजगीर-चांपा. बम्हनीडीह ब्लाक के अंतिम छोर में बसे सिलादेही के आश्रित ग्राम मौहाडीह राजस्व रिकार्ड में दर्ज नहीं है। जबकि यहां की आबादी एक हजार से अधिक है। इसके कारण ग्रामीण उपेक्षा के शिकार हैं। ग्रामीण इस बार पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने की मंशा बना रहे हैं। ग्रामीण अपने गांव के वजूद बचाने के लिए कलेक्टर सहित आला अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं। अफसर गांव जाते हैं और ग्रामीणों को मनाने के लिए कई तरह के कवायद करते हैं फिर बैरंग लौट जाते हैं। अलबत्ता गांव का विकास नहीं हो पा रहा है।
मौहाडीह के ग्रामीण अपने गांव की असतित्व बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। गांव में प्रशासन की सारी सुविधाएं जरूर है इसके बाद भी इस गांव को राजस्व गांव घोषित नहीं किया गया है। इस संंबंध में ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर अलग से ग्राम पंचायत बनाने की मांग पर डटे हैं लेकिन इनकी सुनने वाला कोई नहीं है। विगत दिवस ग्रामीण कलेक्टर के पास पहुंचे थे अपनी मांगों का ज्ञापन सौपे थे। इसमें ग्रामीणों ने बताया कि मौहाडीह सिलादेही का आश्रित ग्राम होने का दंश झेल रहा है।
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ग्रामीणों का कहना है कि गांव में अपेक्षानुरूप विकास नहीं हो पाया है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव को वर्ष 2011 की जनगणना में वीरान गांव घोषित कर दिया गया है। जबकि गांव के लोगों को आवास पट्टा भी दिया गया है। हर चुनाव में ग्रामीणों का भरपूर सहयोग मिलते रहा है। इसके बाद भी गांव को वीरान गांव घोषित करना समझ से परे है। ग्रामीणों का कहना है कि हर चुनाव में नेता वोट मांगने आते हैं उन्हें वोट भी दिया जाता है लेकिन विकास के नाम की किरण यहां तक नहीं पहुंचती। इसके चलते गांव उपेक्षा का शिकार है।

हर रोज पहुंचते हैं अफसरों की टीम
ग्रामीणों ने बताया कि जबसे गांव के लोग पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने का अल्टीमेटम दिया है तब से अधिकारियों का दल वहां हर रोज डेरा डाले हुए हैं। ग्रामीणों को अधिकारी मनाने जुटे हुए हैं, लेकिन ग्रामीण मानने को तैयार नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि अधिकारियों का दल यहां हर रोज पहुंचते हैं लेकिन कोई सकारात्मक पहल नहीं किया जा रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि गांव के लोगों की मांग पूरी नहीं हुई तो वे पंचायत चुनाव का बहिष्कार करेंगे।

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