गौरतलब है कि ग्राम भवरमाल पिपरदा का आश्रित ग्राम है। गांव की आबादी 984 है। केवल 16 वोट कम होने के कारण इस गांव का ग्राम पंचायत का दर्जा नहीं मिल पा रहा है। इसके कारण वे बीते तीन दशक से पिपरदा गांव वोट देने जाना पड़ता है। वहीं हर काम के लिए वे उन्हें पिपरदा पर निर्भर होना पड़ता है। अपनी समस्याओं को लेकर सैकड़ों ग्रामीण शुक्रवार को कलेक्टोरेट पहुंच गए। ग्रामीणों की मांग थी कि भवरमाल को अलग से ग्राम पंचायत का दर्जा दिया जाए। ताकि वे स्वतंत्र रूप से ग्राम का विकास कर सकें। ग्रामीण कलेक्टोरेट पहुंचकर नारेबाजी कर रहे थे। इसके बाद ग्रामीण जिला पंचायत पहुंच गए। जिला पंचायत में ग्रामीण अपनी मांग उपसंचालक के पास बयां कर रहे थे तब उपसंचालक ने नियमों का हवाला देते हुए उनकी मांगों में असमर्थता व्यक्त की। उनका कहना था कि उनके गांव को आसपास के गांव में शामिल किया जा सकता है। चूंकि पिपरदा की दूरी अधिक है वहीं ग्राम पंचायत रोहदा की दूरी कम है। इसके चलते इस गांव को रोहदा ग्राम पंचायत में शामिल किया जा सकता है, जिससे ग्रामीण सहमत हुए।
16 वोट कम इसलिए नहीं बन पा रहा ग्राम पंचायत
आपको बता दें कि गांव की आबादी 984 है। वर्ष 2011 के जनगणना के मुताबिक ग्राम पंचायत बनाने के लिए एक हजार जनसंख्या की जरूरत पड़ती है। यदि गांव में 16 लोगों का नाम और जुड़ा होता तो भवरमाल को ग्राम पंचायत का दर्जा मिल गया होता। लेकिन सर्वे सूची में मात्र 16 वोट कम पड़ रहे हैं। जिसके चलते गांव को ग्राम पंचायत किसी भी सूरत में नहीं बनाया जा सकता।
अभिमन्यु साहू, उपसंचालक पंचायत