महर्षि वाल्मीकि वार्ड में यूं तो अधिकतर कालोनियां ऐसे लोगों की हैं जो कि क्रीमी लेयर में आते हैं। वहीं चंडी नगर और विजय नगर जैसे एक दो ही इलाके ऐसे भी हैं जो गरीब बस्ती है। जब पत्रिका की टीम ने यहां का दौरा किया और लोगों से बात की तो उनके जुबान में वर्तमान पार्षद के प्रति काफी आक्रोश दिखा। कई लोगों ने तो यहां तक कहा कि चुनाव जीतने के बाद पार्षद का उन्होंने चेहरा तक नहीं दिखाया। कांग्रेस की सत्ता को आए तो अभी एक साल ही हुआ है। इससे पहले भाजपा की सरकार थी और इस वार्ड का पार्षद पिछले तीन बार से बाजपा का ही बनता आया है। यदि कोई पार्षद शासन सत्ता की पार्टी का होकर भी अपने वार्ड की जनता का भला न कर पाए तो फिर क्या करेगा? यह बात केवल लोगों की जुबान से ही सुनने को नहीं बल्कि वास्तविक्ता भी ऐसी ही दिखी। चंडी नगर में सड़क और नाली ही नहीं बनाई गई। पूरे इलाके में गंदगी और अव्यवस्था ही देखने को मिली।
यह हैं प्रमुख दावेदार महर्षि वाल्मीकि वार्ड से कांग्रेस के दावेदारों में प्रमोद मिश्रा, सागर बाघमारे, सार्थक शर्मा और सत्तू सिंह का नाम आ रहा है। वहीं बीजेपी से शारदा पटेल, राजीव अग्रवाल, विजय साजीदा, खेमू साहू और संजय साहा का नाम प्रमुख रूप से सामने आ रहा है।
वर्जन- पार्षद का नाम मत पूछिए उसका नाम ही हम भूल चुके हैं। चुनवा जीतने के बाद वह गरीब लोगों का दुख जानने ही नहीं आई। हम लोग सड़क नाली पानी के अभाव में जी रहे हैं। हमारी समस्या को देखकर प्रमोद मिश्रा ने अपने खर्चे से यहां बजरी डलवाई है तो यहां की गली चलने लायक हुई है।
-संतोष गोस्वामी, चंडी नगर वर्जन- चंडी नगर 700 घरों का एक गरीब मोहल्ला है। यहां के लोग रोजी मजदूरी करके अपना परिवार चलाते हैं। सरकार जो योजनाएं चला रही है उसका लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। कोई समस्या लेकर पार्षद के पास जाते हैं तो वह सुनती नहीं और वहां से भगा देती है। हमने तय किया है इस बार हम उसी को चुनेंगे जो हमारी समस्या को समझे और जाने।
-अमरिका निषाद, चंडी नगर वर्जन- पार्षद का काम होता है अपने वार्ड के लोगों की समस्या को हल करना। यदि कोई समस्या उसके बस की नहीं है तो उसे शासन से करवाना। शासन की योजनाओं का लाभ लोगों को दिलवाना। महर्षि वाल्मीकि वार्ड में मेरी समझ में तो ऐसा कुछ नहीं हुआ है। मैं चुनाव की लालच में नहीं बल्कि पार्टी की छवि के लिए काम करता हूं। मेरे पास जो भी लोग आते हैं मैं उनकी मदद के लिए हमेशा खड़ा हूं।
-प्रमोद मिश्रा, महर्षि वाल्मीकि वार्ड