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यह कैसी आजादी: बच्चे नाला पार कर जाते हैं स्कूल, मरीज को खाट में लिटाकर ले जाते हैं अस्पताल

locationजांजगीर चंपाPublished: Mar 26, 2019 08:16:39 pm

Submitted by:

Rajkumar Shah

गांव में आज तक नहीं पहुंच पाता चार पहिया वाहननेता वोट मांगने आते हैं और दोबारा पलटकर नहीं देखते

यह कैसी आजादी: बच्चे नाला पार कर जाते हैं स्कूल, मरीज को खाट में लिटाकर ले जाते हैं अस्पताल

यह कैसी आजादी: बच्चे नाला पार कर जाते हैं स्कूल, मरीज को खाट में लिटाकर ले जाते हैं अस्पताल

जांजगीर-चांपा. जिले के विकास खण्ड सक्ती में आजादी के ७ दशक बाद विकास की किरण नहीं पहुंच पाई है। गांव में न तो सड़क है और न ही कोई अन्य मूलभूत संविधाएं। चुनाव के समय नेता आते हैं और वोट मांगते वक्त सड़क बनाने का आश्वासन देते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद पलटकर नहीं देखते। अलबत्ता गांव के लोग आज भी दासतां की जिंदगी जीने मजबूर हैं।
एक ओर देश के लोग अंतरिक्ष में निवास करने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सक्ती ब्लाक के ग्राम पंचायत मोहगांव के आश्रित ग्राम सबरिया डेरा के लोग आज भी डामर रोड कैसी होती है उन्हें आज भी पता नहीं है। विकास से कोसों दूर इस गांव में शासन की मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। गांव मे प्रवेश के लिये एक भी सड़क तक नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि कई पीढ़ी बीत गए पर आज भी लोग अपने गांव में चार पहिया वाहन आते नहीं देखा। क्योंकि चारपहिया जाने के लिए एक सड़क तक नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि जब इस गांव के लोग बीमार पड़ते हैं तो मरीजों को खाट का स्ट्रेचर बनाते हैं फिर गांव से दूर सड़क पहुंच मार्ग तक पहुंचने की व्यवस्था करते हैं। फिर उन्हें अस्पताल तक ले जाने के लिए एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ता है। गांव के बच्चे स्कूल तक पहुंचने के लिए जान जोखिम में डालकर कई नाला पार करते हैं। फिर उन्हें शिक्षा की दहलीज मिल पाती है। मंगलवार की सुबह जब पत्रिका की टीम सबरिया डेरा पहुंची तो छोटे- छोटे बच्चे स्कूल से नाला पार कर स्कूल जा रहे थे। इस सबंध में शिक्षक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि गांव में एक भी पक्की सड़क नहीं है। इस कारण शिक्षा का स्तर भी लगातार गिरता जा रहा है। शिक्षकों ने बताया कि बारिश के दिनों में आधे दिन बच्चे स्कूल नहीं पहुंच पाते। क्योंकि नाले का जल स्तर बढ़ा होता है। गांवों को डिजिटल बनाने शासन चाहे लाख दावे कर लेकिन मैदानी हकीकत शासन के दावों से जुदा है।

विधानसभा अध्यक्ष का क्षेत्र है यह गांव
छत्तीसगढ़ प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत का क्षेत्र है सक्ती विधानसभा क्षेत्र। मोहगांव के आश्रित ग्राम सबरिया डेरा मूलत: आदिवासी बाहुल गांव हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान क्षेत्र का दौरा करते वक्त डॉ. महंत ने भी इस गांव के लोगों की मांग पर मूलभूत सुविधा बढ़ाए जाने की बात कही थी, लेकिन चुनाव के चार महीने बीत जाने के बाद भी विकास की एक ईंट यहां नहीं रखी गई। जिससे ग्रामीण उपक्षित महसूस कर रहे हैं।

क्या कहते हैं ग्रामीण
मोहगांव के आश्रिम ग्राम सबरिया डेरा के ग्रामीण भागवत गोंड़ ने बताया कि शासन की ओर से मिलने वाली सुविधाओं के नाम पर केवल एक स्कूल भवन बनवा कर भूल गई है। गांव मेे मूलभूत सुविधा नहीं होने से गांव के लोग अब गांव छोड़कर पलायन करने मजबूर हैं। गांव के जगत गोंड़ ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शौचालय निर्माण का सपना भी अपना नहीं हो पाया है। क्योंकि यहां के घरों में शौचालय नहीं बन पाई है। जिसके चलते लोग खुले में शौच करने मजबूर हैं।

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