356 दवाएं उपलब्ध
फार्माशिष्ट प्रकाश कश्यप के मुताबिक जन औषधि केंद्र में मरीजों को 356 प्रकार की दवाएं मिल रही हैं। इन दवाओं में सामान्य सर्दी, खांसी, बुखार, से लेकर कैंसर, हार्ट अटैक तक की दवाएं शामिल हैं। कश्यप के मुताबिक जेनरिक दवाओं की कीमत ब्रांडेड कंपनी की दवाओं की तुलना में 80 से 60 फीसदी तक सस्ती हैं। इतना ही नहीं यह दवा ब्रांडेड दवा जितनी ही असर करती है।
गरीबों के लिए राहत
गरीब व सामान्य वर्ग के लोगों के लिए जन औषधी केन्द्र खुल जाने से बड़ी राहत मिली है। खासकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में जन औषधि केंद्र खुल जाने से गरीब वर्ग के लोगों को राहत मिली है।
…तो बंद हो जातीं निजी दुकानें
जिले में 265 दवा दुकानें संचालित हैं। अधिकतर दुकानें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के आसपास संचालित है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के करीब जनऔषधि केंद्र खुल जाने के बाद निजी दवा दुकानों में ताला लग जाएगा ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था, लेकिन डॉक्टरों की गलत कार्यशैली से निजी दुवा दुकाने आबाद हैं। डॉक्टर कमीशन के लालच में ब्रांडेड दवा लिखते हैं और इससे दवा दुकानों की दुकान चल रही है। जिसके चलते जन औषधि केंद्र फांके में दिन गुजार रहे हैं। अधिकतर डॉक्टर जन औषधि केंद्र की दवा नहीं लिखते। जिसके चलते यहां की बिक्री प्रभावित होती है।