कोरोना काल के बाद बढ़ी बिक्री
कोराना काल के बाद इस काले धंधे में तेजी आई है। चूंकि लॉकडाउन के दौरान शराब की दुकाने बंद थीं इसके चलते गांव-गांव में महुआ शराब बनने लगी। जिससे लोगों की इसकी लत लग गई। अब महुआ शराब की डिमांड भी बढ़ गई है। जिसके चलते महिलाएं भी इस कारोबारी में शामिल हो गईं।
पतियों की मंशा यह
पतियों की सोच यह है कि जब घर की महिला जेल जाएगी तो उसे पति छुड़ा लेगा, लेकिन पति जेल जाएगा तो पत्नियों को कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने पड़ते हैं। दूसरा तस्कर सोचते हैं कि महिला घर में रहती है तो आबकारी टीम आसानी से उनके घरों में छापेमारी नहीं कर पाती। लेकिन वे नहीं समझते कि कानून तो सबके लिए बराबर ही है।
केस 1
26 अप्रैल को आबकारी टीम ने फिर झलमला की गंगा बाई के कब्जे से 18 लीटर महुआ शराब जब्त की। उसका पति घर में था लेकिन वह पिछले दरवाजे से भाग निकला। महिला को धारा 34-2 के तहत जेल जाना पड़ा।
केस 2
18 अप्रैल को आबकारी टीम ने परसाही बाना की आरोपी सुमित्रा बाई के कब्जे से 6 लीटर हाथ भ_ी महुआ शराब जब्त की है। महिला के खिलाफ आबकारी टीम ने धारा 34-2 के तहत जुर्म दर्ज कर जेल दाखिल कर दिया।
केस 3
21 मार्च को सिवनी निवासी उमा यादव के कब्जे से 250 किलो महुआ लहान जब्त किया था। महिला के खिलाफ 34-1 च के तहत जुर्म दर्ज किया गया। आरोपी महिला को न्यायिक रिमांड में भेजा गया।
फैक्ट फाइल
गवाही देते आंकड़े
कुल प्रकरण 160
पुरूषों पर जुर्म 90
महिलाओं पर जुर्म 70
जमानती प्रकरण 110
गैर जमानती 50
(01 जनवरी से 26 अप्रैल 2022 तक के आंकड़े)
आबकारी टीम मुखबिर की सूचना पर छापेमारी करती है। मौके पर जो पकड़ा गया उसी के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। ऐसी बात नहीं है कि केवल महिलाएं ही टारगेट में हैं।
– आशीष कोसम, सहायक आयुक्त आबकारी