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मंजूरी के सालों बाद भी करोड़ों के विकास कामों को शहर सरकार शुरू तक नहीं करा पाई, ऐसे कामों पर नई सरकार की लगी रोक

locationजांजगीर चंपाPublished: Mar 04, 2019 05:42:50 pm

Submitted by:

Rajkumar Shah

जिम्मेदार अधिकारी तीन सालों में जमीन तक नहीं तलाश पाए

जिम्मेदार अधिकारी तीन सालों में जमीन तक नहीं तलाश पाए

जिम्मेदार अधिकारी तीन सालों में जमीन तक नहीं तलाश पाए

जांजगीर-चांपा. जिला मुख्यालय में पूर्ववती भाजपा सरकार ने अपने शासनकाल के दौरान हाईटेक बस स्टैंड, ड्रेनज सिस्टम, पालिका बाजार, गोकुल धाम, ट्रांसपोर्ट नगर, सर्व समाज के लिए मांगलिक भवन बनाने जैसे बड़े प्रोजेक्ट की सौगात दी थी। मगर शहर सरकार इन कामों को शुरू कराना तो दूर जिम्मेदार अधिकारी तीन सालों में जमीन तक नहीं तलाश पाए। अब ऐसे कामों पर रोक लग गई है जो स्वीकृति के बाद भी अब तक शुरू नहीं हो पाए हैं।

प्रदेश में नई सरकार ने पुराने मंजूर कार्यो पर अब रोक लगा दी है। सभी जिला प्रमुखों को यह आदेश जारी हुआ है। इसके तहत पूर्व सरकार द्वारा स्वीकृत किए गए कामों के लिए विभाग प्रमुखों को फिर से अनुमोदन लेना होगा।
इसमें भी सरकार जिन्हें जरूरी समझेगी उन्हीं को मंजूरी देगी। इसके चलते जांजगीर शहर में भी स्वीकृति करोड़ों रुपए के प्रोजेक्ट अब मंत्रालय व वित्त विभाग में लटक जाएंगे। जिम्मेदारों ने जमीन ढूंढने में ही सालों बीता दिए। अगर इन कामों की नींव रखी जा चुकी होती तो ऐसी नौबत नहीं आती। अब प्रस्ताव बनाकर भेजने के बाद भी यह जरूरी नहीं होगा कि उनकी मंजूरी सरकार से मिल ही जाए। इधर तीन दिन पहले १ मार्च को जांजगीर-नैला नगरपालिका में हुई सामान्य सभा की बैठक में सरकार द्वारा रोक लगाए गए कार्यों पर चर्चा हुई। इस दौरान सरकार द्वारा बंद कराए गए कामों पर परिषद की अनुशंसा के बाद इन कामों के लिए तत्काल सरकार को पत्र भेजने का निर्णय लिया गया है।
मगर अब देखना यह होगा कि सरकार इनमें से किन कामों को जरूरी समझती है और किन-किन कामों के लिए फिर से मंजूरी देती है। दूसरा, दोबारा मंजूरी मिलने के बाद भी शहर सरकार कितनी जिम्मेदारी से इन कामों को करा पाती है, क्योंकि तीन सालों में जब इन कार्यों का अधिकारी प्रपोजल तक नहीं बना पाए, तो दोबारा भी भरोसा होना मुश्किल है कि मंजूरी मिलने के बाद अबकि बार सभी काम हो जाएंगे।

वित्त विभाग की संयुक्त सचिव के आदेश के अनुसार सभी विभागों के मंजूर कामों पर रोक लगेगी। जो रुके हुए हैं। जो जरूरी काम हैं, उनका नए सिरे से प्रस्ताव आएगा तो उनका परीक्षण किया जाएगा। परीक्षण के बाद लगेगा कि इस काम को करना जरूरी व सही है, तब उनके लिए अनुमति व अनुमोदन दिया जाएगा। जो काम चल रहे हैं, वे चलते रहेंगे। जो टेंडर प्रकिया में थे, उन्हें भी रोका जा रहा है। ये पाबंदी मार्च तक है।
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5 करोड़ से बनना था हाईटेक बस स्टैंड
तीन साल पहले 2015 में नगरीय प्रशासन मंत्री ने हाईटेक बस स्टैंड के लिए करीब 5 करोड़ रुपए की मंजूरी दी थी। अधिकारियों ने पेण्ड्री भाठा में करीब पांच एकड़ जमीन देखी थी, लेकिन जमीन आवंटन नहीं हो पाया तो तत्कालनिक अधिकारियों ने भी इस पर ध्यान देना छोड़ दिया।


ड्रेनेज सिस्टम के तहत सर्वे ही हुआ
बता दे, शहर में डे्रनेज सिस्टम बनाने के लिए नगरीय प्रशासन मंत्री ने स्वीकृति दी थी। इसको लेकर तात्कालिक अधिकारियों द्वारा शहर में सर्वे भी कराया था। पहले राजनांदगांव की कंपनी और इसके बाद कोरबा की एक कंपनी ने शहर के सभी वार्डों में जाकर नाली बनाने के लिए नापजोख किया था मगर इससे ज्यादा काम आज तक नहीं बढ़ा। तात्कालिन अधिकारियों ने यह तर्क दिया कि कंपनी ने सर्वे के बाद स्टीमेंट ही बनाकर नहीं दिया कि कितनी लागत होगी। ऐसे में प्रपोजल ही तैयार नहीं हुआ।

ये काम भी शुरू होने से पहले ही हो गए बंद
अकेले नगरपालिका जांजगीर-नैला में कई काम के लिए स्वीकृति मिल गई थी। इनमें सर्व समाज के लिए मांगलिक भवन सवा करोड़, ट्रांसपोर्ट नगर, गोकुल धाम, पालिका बाजार, ड्रेनेज सिस्टम की मंजूरी पूवज़् सरकार ने दे रखी है। ड्रेनेज सिस्टम के लिए शहर में सवेज़् तक हो चुका था, लेकिन इस्टीमेट आज तक नहीं बना।

-तीन दिन पहले नगरपालिका के सभाकक्ष में सामान्य सभा की बैठक आयोजित हुई थी। बैठक में परिषद के सामने सरकार द्वारा रोक लगाए गए विकास कामों पर भी चर्चा कर निर्णय लिया गया है। परिषद की अनुशंसा के बाद सरकार द्वारा बंद कराए गए कार्मों की मंजूरी के लिए तत्काल शासन को पत्र भेजा जाएगा।
-पीएन पटनायक सीएमओ जांजगीरक-नैला

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