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विश्व एड्स दिवस : एचआईवी ग्रस्त व्यक्ति हैं, विधिक सहायता के पात्र

locationजांजगीर चंपाPublished: Dec 02, 2017 04:51:04 pm

Submitted by:

Rajkumar Shah

विश्व एड्स दिवस पर जिला अस्पताल जंाजगीर में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया।

विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया।

विश्व एड्स दिवस पर जिला अस्पताल जंाजगीर में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया।

जांजगीर-चांपा. जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजेश श्रीवास्तव के निर्देशन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विश्व एड्स दिवस पर जिला अस्पताल जंाजगीर में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया।

इस मौके पर प्राधिकरण की सचिव शुभदा गोयल ने शिविर को संबोधित करते हुए बताया कि एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों को नि:शुल्क विधिक सहायता प्रदान करने के दौरान सामान्य व्यक्ति की तरह ही पात्रता की अन्य औपचारिकताएं पूरी करनी होती थी किन्तु छत्तीसगढ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण विनियम 2003 में संशोधन करते हुए एचआईवी ग्रसित व्यक्ति को नि:शुल्क विधिक सहायता का पात्र घोषित किया गया है।
ऐसे व्यक्तियों को शीघ्र एवं समुचित नि:शुल्क विधिक सहायता एवं सलाह प्रदान करने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तत्पर है। विश्व एड्स दिवस पर जिला अस्पताल में विधिक साक्षरता शिविर आयोजित करना हमारे नि:शुल्क विधिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य को सार्थक बनाने का एक प्रयास है क्योंकि जिला अस्पताल में प्राथमिक स्तर पर एचआईवी की जंाच एवं उपचार की कार्यवाही होती है तथा ऐसे पीडि़तों की जानकारी उपलब्ध रहती है।

विधिक साक्षरता शिविर में विशेष वक्ता के रूप में जिला अस्पताल के डा. तेंदुए, एड्स नियंत्रण प्रभारी एवं विनोद गोपाल एचआईवी जिला समन्वयक उपस्थित हैं। जिनके माध्यम से यह संदेश देना चाहते हैं कि यदि उनके सम्पर्क में ऐसे कोई एचआईवी पीडि़त आएं जिन्हें समुचित विधिक सहायता की आवश्यकता हो तो वे उन्हें हमारे प्राधिकरण के द्वारा दी जाने वाली विधिक सहायता योजना के बारे में अवश्य बताएं तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जिला अस्पताल में माह के प्रत्येक बुधवार एवं शुक्रवार को संचालित लीगल एड क्लीनिक में भजें, जहंा से उन्हें नि:शुल्क विधिक सहायता प्रदान करने की औपचारिकताओं की पूर्ति कराए जाएगी। जहंा तक एचआईवी या एड्स का संबंध है, यह एक संक्रामक रोग है, जो सामान्यत: रक्त के संक्रमण से फैलता है। एचआईवी या एड्स पीडि़त व्यक्ति को छूने, हाथ मिलाने या गले मिलने से यह संक्रमण नहीं होता है। इसलिए हमें संवेदनशील होकर एचआईवी या एड्स पीडि़तों से अपनेपन से मिलना चाहिए।

शिविर में उपस्थित सिविल सर्जन जिला अस्तपाल डा. पीसी जैन ने एचआईवी या एड्स के संबध में चिकित्सकीय जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एड्स का प्राथमिक स्तर एचआईवी का संक्रमण है। यह जरूरी नहीं कि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति एड्स पीडि़त हो। मात्र असुरक्षित यौन संबंध से ही नहीं बल्कि संक्रमित सुईयों के उपयोग, संक्रमित व्यक्ति के रक्त को सामान्य व्यक्ति को चढ़ाने जैसी असवधानियों से भी यह होता है।
गर्भवती माता से उसके होने वाले शिशु को भी एचआईवी होने की आशंका होती है। जिला अस्पताल में एचआईवी या एड्स पीडि़तों के जंाच एवं उपचार के लिए आईसीटीसी सेंटर की स्थापना की गई हैं, जहंा से इसकी नि:शुल्क दवाईयंा उपलब्ध हैं। विधिक साक्षरता शिविर के दौरान लोकेश पटले एवं मंजूषा टोप्पो न्यायाधीशगण, सुभद्रा यादव, उषा शंाडिल्य पैनल अधिवक्तागण जिला अस्पताल के चिकित्सक एवं सहकर्मी, मरीजों के परिजन सहित लगभग 100 लोग उपस्थित थे।

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