script13 साल बाद भी पूरा नहीं हो सका पुल का निर्माण, 40 गांव के लोग हैं परेशान | 13 years later even the bridge could not be completed | Patrika News

13 साल बाद भी पूरा नहीं हो सका पुल का निर्माण, 40 गांव के लोग हैं परेशान

locationजशपुर नगरPublished: May 23, 2019 09:23:38 pm

Submitted by:

Amil Shrivas

पुल निर्माण का कार्य पूर्ण नहीं होने से क्षेत्र के ग्रामीणों को आवागमन में हो रही है दिक्कत

jashpur nagar news

13 साल बाद भी पूरा नहीं हो सका पुल का निर्माण, 40 गांव के लोग हैं परेशान

जशपुरनगर. जिले के कुनकुरी रनपुर से करीब 2 किलोमीटर दूर डोडक़ी नदी पर सेतु विभाग के द्वारा पुल का निर्माण पिछले १३ वर्षो से कराया जा रहा है किया जा रहा है। लेकिन विभाग की लापरवाही और अनदेखी के कारण अब तक पुल का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। जिससे ग्रामीणों की परेशानी कम नहीं हो रही है। यह पुल 7.50 करोड़ की लागत से बन रहा है। डोडकी नदी में पुल निर्माण की स्वीकृति मिली थी, तब ग्रामीण काफी खुश थे कि अब उन्हें आवागमन में परेशानी नहीं होगी। साथ ही बच्चों को जान हथेली में रखकर नदी पार कर स्कूल नहीं जाना पड़ेगा। बताया जाता है कि 7.50 करोड़ की लागत से बन रहे इस पुल का निर्माण 5 साल में पूरा करना था। यह इस प्रोजेक्ट का आखिरी साल है और इस साल के सिर्फ और 2 महीने ही बाकी है। इसी से यह साबित होता है कि विभाग पुल निर्माण का कार्य जल्द खत्म करने के प्रति कितना गंभीर है। इस क्षेत्र में 40 से 50 गांव ऐसे हैं, जहां के बच्चों को स्कूल जाने के लिए नदी पार करना पड़ता है। बारिश के दिनों में ये स्कूली बच्चे अपनी जान हथेली में रखकर नदी पार कर स्कूल जाते हैं। अगर वे घूम कर रनपुर आते हैं, तो उन्हें 5 किलोमीटर की अधिक दूरी तय करनी पड़ती है। जिससे सबसे अधिक परेशानी स्कूली विद्यार्थियों को उठानी पड़ती है। कई बार नदी में पानी अधिक होने के कारण वे स्कूल नहीं जा पाते हैं।
एक एनआरआई ने पूर्व में बनवाया था पुल : डोडकी नदी में पुल नहीं होने के कारण गांव के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता था। वहीं बच्चे भी अपने जान को जोखिम में ड़ाल कर स्कूल आना जाना करते थे। जिसे देखते हुए अमेरिका में रहने वाले फादर डिसूजा ने कई सालों पहले इस नदी पर काम चलाने लायक अपने खर्चे से पुल बनवा दिया था। अगर वे पुल नहीं बनाते, तो बच्चे स्कूल नहीं आ पाते। फादर डिसूजा के द्वारा वर्षो पूर्व बनवाया गया पुल भी अब जर्जर स्थिति में पंहुच गया है। जिसे देखते हुए ही सेतू निर्माण विभाग के द्वारा १३ वर्ष पूर्व पुल निर्माण का काम शुरु किया था, लेकिन विभाग की लापरवाही के कारण ये पुल अब तक अधूरा ही पड़ा हुआ है।

पिछले वर्ष मुख्यमंत्री के हाथों होना था उद्घाटन: कई सालों से पुल को लेकर जमीनी स्तर से संघर्ष कर रहे कोटिया करमा गांव के ग्रामीणों की मांग पर सांसद विष्णु देव साय की पहल से 6 करोड़ की लागत से करमा कोटिया पुल का निर्माण कार्य अंतिम चरण में पंहुचा हुआ है। हालांकी अभी फिनिशिंग सहित अन्य काम बचा हुआ है। पिछले वर्ष ही ग्रामीणों को उम्मीद थी की यह पुल पूरी तरह से बन कर तैयार हो जाएगा और मई २०१८ में इस पुल के उद्घाटन के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को भी बुलाने की तैयारी में जुटे गए थे। लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण अब तक इस पुल का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। पुल निर्माण का कार्य पूर्ण नहीं होने से क्षेत्र के ४० गांव के ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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