script5 माह पहले ढहा पुलिया, लोग हो रहे परेशान | 5 months ago dhaba culvert people getting upset | Patrika News

5 माह पहले ढहा पुलिया, लोग हो रहे परेशान

locationजशपुर नगरPublished: Jan 14, 2018 12:58:27 pm

Submitted by:

Amil Shrivas

न जनप्रतिधिनियों को और न ही अधिकारियों को है इसकी सुध

Pathriya news
जशपुरनगर. जिले के झारखंड सीमा से सटे नक्सल प्रभावित गांव गिरला में बरसात के समय अगस्त माह में पुलिया ढह गई है। जिसके कारण सीमावर्ती क्षेत्र के चार गांवों की करीब 6 हजार लोगों का इस मार्ग से आवागमन प्रभावित हो रहा है। सड़क में केवल इतनी जगह बची है कि बमुश्किल एक बाइक पार हो सके। इसी जगह से बाइक सवार खतरा उठाकर बाइक पार कर रहे हैं। 5 माह पहले पुलिया ढह जाने के बाद भी इसकी सुध न तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों को है और न ही अधिकारियों को। ग्रामीणों के अनुसार अगस्त में हुई तेज बारिश के कारण पुलिया ढह गया था। जिला मुख्यालय से करीब 31 किलोमीटर दूर सांइटांगरटोली से गिरला जाने वाली सड़क करीब दस साल पहले प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनाई गई है। साइंटांगरटोली से डेढ़ किलोमीटर दूर गिरला के पास सड़क पर बनी पुलिया अगस्त 2017 में पूरी तरह ढह चुकी है। जिसके कारण इस मार्ग से चार पहिया व अन्य बड़े वाहनों का आवागमन ठप है। सड़क के एक हिस्से में करीब डेढ़ से दो फीट की जगह ही बची है। जहां से बाइक सवार जैसे-तैसे बाइक पार कर जरूरत के सामान लाने व अन्य कार्यों के लिए आना-जाना कर रहे हैं। यह मार्ग गिरला गांव के अलावा पिल्खी, ढोलडूबा और बड़ाबनई गांव को एनएच 43 से सांइटांगरटोली के पास जोड़ता है। ये सारे गांव झारखंड की सीमा से लगते हैं। गिरला की आबादी करीब 1 हजार, पिल्खी की 1200, ढोलडूबा की 800 और बड़ा बनई की आबादी करीब 3 हजार है। इन ग्रामीणों को जशपुर सहित झारखंड जाने के लिए यही मुख्य रास्ता है। जशपुर पहुंचने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग है पर वह पहाडिय़ों वाला मार्ग हैए जिसमें चार पहिया नहीं चल सकते।

गांव में एंबुलेंस भी नहीं पंहुच सकता – पुलिया ढह जाने के कारण चार पहिया व अन्य बड़े वाहनों का आवागमन पूरी तरह बंद हो चुका है। ऐसे में ग्रामीणों का संपर्क मुख्य मार्ग से लगभग कट चुका है। अगर सीमा से सटे गिरला, पिल्खी ढोलडूबा व बड़ा बनई गांव में कोई गंभीर रूप से बीमार पड़ जाए तो उसे वाहन में अस्पताल ले जाना मुश्किल है। सूचना देने पर इन गांवों में 108 संजीवनी एंबुलेंस भी नहीं पहुंच सकती।
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