आदेश के बाद भी शुरू नहीं हुआ कार्य : जशपुर से दमेरा होते हुए चरईडांड़-कुनकुरी और बगीचा पहुंचने वाली सडक़ का जल्द से जल्द निर्माण करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह अपने जशपुर प्रवास के दौरान कई बार घोषणा कर चुके हैं। लेकिन आजतक घोषणा को पूरा करने पर अमल नहीं किया गया। २१ दिसम्बर को कलेक्टोरेट में आयोजित लोक निर्माण विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान जशपुर की तत्कालीन कलक्टर प्रियंका शुक्ला ने भी जशपुर के दमेरा चराईडांड मार्ग को शीघ्र ही प्रारंभ करते हुए माह मार्च 2019 तक पूर्ण कराए जाने के निर्देश दिए थे, लेकिन इस दिशा में तमाम तरह की स्वीकृति मिलने के बाद भी लोक निर्माण विभाग ने निर्माण कार्य शुरू भी नहीं किया है। इस सडक़ से कुनकुरी की दूरी 11 किलोमीटर तक कम हो जाती है। एक तो दूरी कम होने ऊपर से जशपुर से कुनकुरी की ओर जाने वाली एनएच ४३ सडक़ में निर्माण कार्य जोरों पर है, जिसकी वजह से लोग इस सडक़ का मतबूरी में उपयोग कर रहे हैं लेकिन इस सडक़ पर फिलहाल चलना जान जोखिम में डालने वाला काम है।
नाली और सडक़ के नाम पर लाखों हजम : मिट्टी की सडक़ बनाने के नाम पर कभी मनरेगा से तो कभी पंचायत विभाग से हमेशा लाखों रुपए का वारा न्यारा किया जाता रहा है। कुछ ऐसा ही कारनामा समय-समय पर वन विभाग की ओर से भी किया जाता रहा है। मिट्टी की सडक़ पर लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी बारिश के बाद उसका कोई भी वजूद नहीं रह जाता है। दमेरा-चरईडांड़ मार्ग भी वन विभाग और पीडब्लूडी की ओर से नाली और मिट्टी की सडक़ बनाने के नाम पर लाखों रुपए का वारा न्यारा किया जा चुका है।