यह घटना दो वर्ष पूर्व का है। इस संबंध में गंझू राम ने बताया की गंगाराम यादव पिता त्रिलोचन निवासी कुकरीचोली, पिताम्बर निवासी छातासराई, जनक यादव पिता कोरनो ग्राम निवासी मठपहाड़ के द्वारा उसके घर में आकर उसे बताया कि गरीबी रेखा राशन कार्ड से बैंक द्वारा 20,000 रुपए दिया जा रहा है । यह बताकर उन्होंने उसके राशन कार्ड का फोटोकापी, फोटो, वोटर आईडी का फोटोकापी लेकर चले गए और एक दिन उसे गाड़ी मे बैठाकर बैंक ले गए थे । बैंक के कुछ कागजो पर उन्होने उसका अंगुठा का निशान लिया और बैंक के कर्मचारी के द्वारा मुझे पैसा दिया गया जिसे वह झोला में रखा लिया था। बैंक से निकलते ही जनक के द्वारा पैसा वाला झोला को उससे लेकर वह अपनी गाड़ी में रख लिया एवंा जनक एवं उनके साथी गंगा राम यादव, पिताम्बर ने उसे कुकुरभूका मार्ग में ले जाकर सुनसान जगह पर गाड़ी को रोककर झोले मे से 5,000 रुपए उसे थमा दिया और उसे घर छोड़ दिए थे। (bank frauds in india)
घर में पहुंचा नोटिस तब मिली जानकारी : वर्ष 2016 में लोक अदालत के द्वारा गंझू राम के पास बैंक लोन पटाने का नोटिस आया था उसके बाद 2017 में बैंक द्वारा एक नोटिस और दिया गया। जिसके बाद उसे पता चला कि उसके नाम से बैंक से केसीसी ऋण 3,10,000 रुपए का निकाला गया है। जबकि गंझू के नाम से किसी प्रकार का कोई जमीन जायदाद नहीं है । उसके बाद भी उसे लोन दे दिया गया। जब उसके पास सेन्ट्रल बैंक का नोटिस आया तो वह गंगाराम, पिताम्बर और जनक से बात किया तो उन्होने उसे धमकाया कि तुम ये बात को किसी को बोलोगे या थाना में रिपोर्ट करोगे तो फंस जाओगे। जिसके बाद गंझू राम ने सभी के खिलाफ बागबहार थाने में मामला दर्ज करा दिया। बागबहार पुलिस ने इस मामले में जनक यादव, गंगा राम यादव, पिताम्बर यादव तथा तत्कालिन बैंक मैनेजर अनुराग दास के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है। (bank frauds news)