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स्कूल में नहीं था एक भी बच्चे का एडमिशन तो शिक्षकों ने अधिकारिओं को झूठ बोलकर 6 महीने तक उड़ाई मौज, फिर एक दिन…..

locationजशपुर नगरPublished: Apr 21, 2019 11:30:31 am

Submitted by:

Murari Soni

शून्य दर्ज संख्या होने के बावजूद लाखों की पगार पाते रहे शिक्षक, सवालों के घेरे में है विभाग के अधिकारियों की भूमिका

Deo suspended 3 teachers in Bilaspur Chhattisgarh

स्कूल में नहीं था एक भी बच्चे का एडमिशन तो शिक्षकों ने अधिकारिओं को झूठ बोलकर 6 महीने तक उड़ाई मौज, फिर एक दिन…..

जशपुरनगर. जिले के शिक्षा महकमा में बेहद ही दिलचस्प नजारा देखने को मिल रहा है, जिले के कांसाबेल ब्लॉक के 2 शिक्षकों शारदा शर्मा प्रधान पाठक ई संवर्ग और अंजुत राम भगत सहायक शिक्षक एलबी को जिला शिक्षा अधिकारी ने 16 अप्रैल को निलंबित कर दिया, निलंबन आदेश में लिखा गया है कि अपने पदीय दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही एवं अनियमितता बरतते हुए अपने संस्था में शून्य दर्ज संख्या होने के उपरान्त अपने उच्च अधिकारियों को अवगत कराए बगैर जून 2018 से जनवरी 2019 तक अवैधानिक रूप से वेतन प्राप्त करते रहे, अनियमित विद्यालय आने के उपरांत भी अनुपस्थित अवधि में उपस्थिति दर्ज किया गया और विद्यालय की समस्त अभिलेख संधारित नहीं किया गया, विद्यालय में सामग्रियां अस्त-व्यस्त एवं आलमारी में रखे समस्त दस्तावेज में दीमक लगा हुआ जांच में प्रथम दृष्टया सही पाया गया।
इस पूरे घटनाक्रम का सबसे रोचक पहलू यह है कि उपरोक्त दोनों शिक्षक जिस संस्था में कार्यरत थे वो बीआरसी कार्यालय एवं संकुल केंद्र के प्रांगण में स्थित है, इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस पूरे खेल को किस तरह खेला गया है। कांसाबेल के बीआरसीसी एवं संकुल समन्वयक के नाक के नीचे शून्य दर्ज संख्या वाले संस्था के शिक्षक लाखों का वेतन पाते रहे और ये पूरा तमाशा देखते रहे।

बीआरसीसी एवं संकुल समन्वयकों के पास संकुल एवं ब्लॉक की पूरी जानकारी रहती है बावजूद इसके इस तरह का खेल 6 माह तक चलता रहा और ये मूकदर्शक बने हुए थे। इस पूरे मामले में संकुल समन्वयक, बीआरसी एवं तत्कालीन बीईओ की भूमिका सवालों के घेरे में है।
कांसाबेल के शिक्षा से जुड़े हर किसी की जबान पर ये सवाल है कि इन सब की जानकारी अगर इन्हें थी तो इन्होंने उच्च कार्यालय को क्यों अवगत नहीं कराया और नहीं थी तो आखिर क्या कारण था कि चंद कदमों के फासले की दूरी पर स्थित स्कूल की जानकारी से वे बेखबर थे।
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