scriptपूर्व विधायक के बेटे से दबाव डालकर अस्पताल में साफ-सफाई करवाने वाली डॉक्टर निलंबित, बीमार बच्चे को उल्टी होने पर आग बबूला हो गईं थीं ये अधिकारी | doctor suspended for inhuman behavior with sick child and parents | Patrika News

पूर्व विधायक के बेटे से दबाव डालकर अस्पताल में साफ-सफाई करवाने वाली डॉक्टर निलंबित, बीमार बच्चे को उल्टी होने पर आग बबूला हो गईं थीं ये अधिकारी

locationजशपुर नगरPublished: Apr 16, 2019 08:27:01 pm

Submitted by:

Amil Shrivas

मामला जशपुर के सरकारी अस्पताल का

jashpur hospital

पूर्व विधायक के बेटे से दबाव डालकर अस्पताल में साफ-सफाई करवाने वाली डॉक्टर निलंबित, बीमार बच्चे को उल्टी होने पर आग बबूला हो गईं थीं ये अधिकारी

बिलासपुर/जशपुरनगर. जशपुर के जिला अस्पताल में पूर्व विधायक जगेश्वर राम भगत के बेटे गंगाराम भगत से अस्पताल में दबाव डालकर सफाई-सफाई करवाने के मामले में डॉक्टर के केरकेट्टा को निलंबित कर दिया गया है। स्वास्थ्य एवं परिववार कल्याण विभाग द्वारा इस संबंध में निलंबन आदेश भी जारी कर दिया गया है। आदेश में कहा गया है कि निलंबित अवधी में डॉक्टर के केरकेट्टा का मुख्यालय कार्यालय संभागीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं सरगुजा कर दिया गया है। और समक्ष अधिकारी की अनुमति एवं पूर्व स्वीकृति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ेंगी।
गौरतलब है कि सोमवार को पूर्व विधायक के बेटे गंगाराम भगत 6 साल बीमार बच्चे को इलाज के लिए जिला अस्पताल लाए थे। यहां आकर वह डॉक्टर के केरकेट्टा के पास गया। मैडम ने बच्चे की जांच की और जांच करने के बाद बच्चे ने उल्टियां करनी शुरू कर दी। तभी वह अपने बच्चे को लेकर डॉक्टर के चैंबर से बाहर आ गए और बच्चे का मुँह साफ करने लगे और उनके साथ आई दूसरी बेटी को डॉक्टर के पास दवाई की पर्ची लाने भेज दिया लेकिन डॉक्टर ने बिटिया को पर्ची देने से मना करते हुए यह कह दिया कि पहले अपने पापा को बोलो कि हमारे चैंबर को साफ करें, बिना चैंबर साफ किये न ईलाज होगा न दवा की पर्ची देंगे।
उनकी बेटी ने जब डॉक्टर का फरमान बताया तो वह अपने बीमार बच्चे को उसी हाल में छोड़कर डॉक्टर के चैंबर की सफाई करने लगे। उन्होंने डॉक्टर से पूछा कि क्या उनके अस्पताल में कोई स्वीपर नही है क्या, तो डॉक्टर ने जवाब दिया-गंदगी आपने की है तो साफ भी आप ही करोगे। गंगाराम के पिता जगेश्वर राम भगत भाजपा सरकार में 2008 से 2013 तक विधायक रहे । वहीं इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कलक्टर नीलेश कुमार ने संबंधित डॉक्टर को नोटिस जारी करते हुए दो दिनों के अंदर जवाब तलब किया था। जबाव न देने पर शासन ने कार्रवाई कर दी।
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