आवश्यकता को बनाया अवसर : 1 अगस्त को निविदा लगाकर उसी रोज कार्य आबंटित करने से २० दिन पूर्व ही आखिर विभाग के पास ऐसी क्या मजबूरी थी कि उन्होंने बगैर निविदा के ही निजी कॉलोनी मे ट्रांसफार्मर लगाकर वहा विद्युत पोल एवं केबल का विस्तार कर दिया। जानकारों की माने तो विभाग के संबंधित लोगों द्वारा कॉलोनीवासियों की आवश्यकता का भरपूर फायदा उठाया है। सूत्रों की माने तो निविदा से पूर्व ही अपने लोगों से काम कराकर विभाग के जिम्मेदार अधिकारी द्वारा कॉलोनी वासियों से सांठ-गांठ कर उनकी आवश्यकता को अपने लिए अवसर बना कर सारे नियमों को दरकिनार कर दिया है, जो अब उनके अलावा विभाग के लिए भी गले की फांस बन चुकी है।
अब कार्रवाई की बात कर रहे अधिकारी : विद्युत विभाग के जिम्मेदार अधिकारी द्वारा विभाग की किरकिरी कराकर बगैर निविदा के कराए गए कार्य में अब उनसे बड़े अधिकारी जिम्मेदार पर कार्यवाही की बात कर रहे हैं। विद्युत विभाग के प्रमुख अभियंता ने जहां कठोर कार्यवाही की बात कही है, वहीं स्थानीय अधिकारी भी इस मामले को गंभीर बता रहे है, पर क्या वरिष्ठ अधिकारियों की मौन स्वीकृति के बगैर ही कनिष्ठ अधिकारी ने इस प्रकार की लापरवाही की है, यह एक जांच का विषय है। उच्च अधिकारियों की अनुमति बगैर स्टोर से ट्रंासफार्मर बाहर आकर अन्य वस्तुएं कार्य स्थल पर कैसे उपलब्ध हो सकी, इसका अब आने वाली जांच रिपोर्ट के बाद खुलासा हो सकेगा।